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20 हजार प्रवासी श्रमिकों की तलाश

प्रतापगढ़ यूं तो सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मुंबई गुजरात और दिल्ली से 25 हजार प्रवासी

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 10:47 PM (IST)
20 हजार प्रवासी श्रमिकों की तलाश
20 हजार प्रवासी श्रमिकों की तलाश

प्रतापगढ़ : यूं तो सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मुंबई, गुजरात और दिल्ली से 25 हजार प्रवासी श्रमिक जिले में आए हैं, मगर अभी महज पांच हजार प्रवासी श्रमिकों का ही राशनकार्ड बन पाया है। 20 हजार प्रवासी श्रमिकों की तलाश जारी है। जैसे-जैसे ये मिलते जाएंगे, वैसे-वैसे इन्हें राशनकार्ड उपलब्ध कराया जाता रहेगा।

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कोरोना वायरस के डर से हजारों प्रवासी अपने घर आ गए हैं। उनको राशन को लेकर कोई समस्या न झेलनी पड़े, इसके लिए शासन स्तर से डीएसओ को राशनकार्ड बनाने का निर्देश जारी हुआ था। माह भर से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक केवल पांच हजार 300 प्रवासी श्रमिकों का राशन कार्ड ही जारी हो सका। वैसे भी राशन कार्ड बनाने में लापरवाही की बात कोई पुरानी नहीं। अभी भी सबकुछ उसी तरह ढर्रे पर चल रहा है।

जिला प्रशासन के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 25 हजार प्रवासी श्रमिक परदेस से अपने घर आए हैं। इन सभी प्रवासियों का राशन कार्ड जारी होना था। अभी तक नगर पालिका व सभी नगर पंचायतों में कुल मिलाकर 73 प्रवासियों का ही राशनकार्ड बनाया गया। वहीं अंचल में आसपुर देवसरा ब्लाक में 77, बाबा बेलखरनाथ धाम में 128, बाबागंज में 430, गौरा में 246, कालाकांकर में 455, कुंडा में 623, लक्ष्मणपुर में 486, लालगंज में 579, मानधाता में 71, मंगरौरा में 166, पट्टी में 66, रामपुर संग्रामगढ़ में 313, सदर में 137, संडवा चंद्रिका में 53, सांगीपुर में 630, शिवगढ़ में 242 व बिहार में 607 प्रवासियों का ही राशनकार्ड बन सका। इस तरह से पांच हजार प्रवासी श्रमिकों के राशन कार्ड बन गए हैं। अभी 20 हजार प्रवासियों का राशन कार्ड नहीं बन पाया है। प्रशासन का दावा है कि ग्राम प्रधानों से इनका रिकार्ड मंगाया गया है। इनकी तलाश की जा रही है।

यह है खोज की प्रक्रिया : करीब-करीब जिले की सभी ग्राम पंचायतों में प्रवासी श्रमिक आए हैं। उनकी गिनती के लिए ग्राम प्रधान, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। शासन से इनके राशन कार्ड जारी होने हैं। राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया यह है कि जब वह परदेस से अपने घर आते हैं तो सबसे पहले इसकी जानकारी प्रधान सहित अन्य लोगों को होती है। प्रधान के रजिस्टर में इनका पूरा विवरण दर्ज किया गया है। इसी के आधार पर सचिव उनके नाम व पते को सत्यापन करके राशनकार्ड बनाने की संस्तुति करके रिपोर्ट ब्लाक के माध्यम से डीएसओ कार्यालय भेज देता है। इसके बाद उनका राशन कार्ड जारी हो जाता है।


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