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नौकरी से रिटायर, स्कूली बच्चों से नहीं छूटा नाता

सेवानिवृत्त होने के बाद भी जिले के कुंडा विकासखंड के जमेठी सरूआ निवासी राम आसरे का नाता स्कूली बच्चों से नहीं छूटा। वह पूर्व की भांति नियमित रूप से विद्यालय जाते हैं और बिना किसी लालच के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। वह लोगों के लिए मिसाल बने हुए हैं। शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता। इसी बात को हकीकत में बदल रहे हैं मास्टर राम आसरे। ज्ञान बांटने का कर्तव्य वह नौकरी से अवकाश ग्रहण करने के बाद भी निभा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:04 AM (IST)
नौकरी से रिटायर, स्कूली बच्चों से नहीं छूटा नाता

विद्याचरण मिश्र, मुन्ना, प्रतापगढ़ :

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सेवानिवृत्त होने के बाद भी जिले के कुंडा विकासखंड के जमेठी सरूआ निवासी राम आसरे का नाता स्कूली बच्चों से नहीं छूटा। वह पूर्व की भांति नियमित रूप से विद्यालय जाते हैं और बिना किसी लालच के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। वह लोगों के लिए मिसाल बने हुए हैं।

शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता। इसी बात को हकीकत में बदल रहे हैं मास्टर राम आसरे। ज्ञान बांटने का कर्तव्य वह नौकरी से अवकाश ग्रहण करने के बाद भी निभा रहे हैं। कुंडा ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ताजपुर से दो साल पहले अवकाश ग्रहण करने वाले राम आसरे अभी भी नियमित रूप से विद्यालय जाते हैं और स्कूल बंद होने पर सबसे बाद में वहां से निकलते हैं। इनके पढ़ाए हुए बच्चे आज देश की सुरक्षा से लेकर अन्य पदों पर मुस्तैद हैं। जमेठी सरुआ गांव निवासी राम आसरे बीते सात वर्षों तक ताजपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक रहे। सेवा निवृत्त होने पर स्कूल के बच्चों में उदासी छा गई थी। बच्चों का चेहरा मुरझाया देख उन्होंने निर्णय लिया कि जब तक वह जीवित रहेंगे और विद्यालय आने जाने में सक्षम रहेंगे, तब तक अपनी शिक्षा बच्चों को देते रहेंगे। इसके बाद बीते एक अप्रैल 2018 से वह प्रतिदिन दिन की भांति अभी तक विद्यालय जा रहे हैं। लॉक डाउन होने के कारण वह अभी भी विद्यालय आ जा रहे हैं। यही नहीं विद्यालय का सभी कार्य नियमित रूप से कर रहे हैं। जागरण से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि अब तक मझिलगांव, जमेठी, यादव पट्टी, कुंडा बीआरसी पर वह कार्य कर चुके हैं। उनके पढ़ाए हुए शिष्य, सेना, शिक्षक, लेखपाल आदि पदों पर रहकर देश की सेवा कर रहे है। उच्च प्राथमिक विद्यालय ताजपुर की प्रधानाध्यापिका तारा देवी बताती हैं कि गुरु जी के आने से बच्चों को ढेर सारी सहूलियत मिल जाती हैं तथा विद्यालय संबंधित अभिलेखों को दुरुस्त करने में उनकी अहम भूमिका रहती है। खास तौर पर शिक्षक से जुड़े लोगों को राम आसरे गौतम से सीख लेनी चाहिए। यह समाज के लिए प्रेरणा श्रोत हैं।


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