शिक्षकों और विद्यार्थियों से सजती है कोंहड़ा की रामलीला
रामलीला के रोल करने में उनको आनंद आता है। कुछ तो शिक्षक हैं तो कुछ विद्याथ
प्रतापगढ़ : रामलीला के रोल करने में उनको आनंद आता है। कुछ तो शिक्षक हैं तो कुछ विद्यार्थी। इन्हीं से सजती है सदर क्षेत्र के कोंहड़ा गांव की रामलीला। इसकी संवाद शैली और संगीत संयोजन से मंच पर जो ²श्य उभरते हैं उसे देखकर दर्शक कभी हंसते हैं तो कभी आंसू बहाते हैं।
वह दौर 1999 का था जब कोंहड़ा की रामलीला की शुरुआत के लिए आगे आए लक्ष्मीकांत शर्मा। उनके न रहने के बाद भी मंचन जारी रखा गया। अब शिक्षक प्रभाकर राय निर्देशक के रूप में पूरी जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं। आदित्य राय उपाध्यक्ष हैं। राम बनने वाले अनुपम शर्मा प्रतियोगी छात्र हैं। सलाहकार शशांक शर्मा मार्गदर्शन में गांव सितारे क्या खूब रामलीला दिखाते हैं। लक्ष्मण की भूमिका में हर्षित राय, शत्रुघ्न अभिषेक, कुंभकरण सानू शर्मा, सुग्रीव विपिन शर्मा, अंगद हैप्पी शर्मा बीटीसी तथा एमबीए छात्र हैं। यह लोग रामलीला की तिथि नजदीक होने पर घर पहुंच जाते हैं। भरत का पाठ करते-करते आशुतोष भट्ट शिक्षक बन गए। कौशिल्या विनय शर्मा और सुमित्रा बबलू राय, सीता के रूप में मनीष राय हैं। यह सब कक्षा नौ व 10 के छात्र हैं। जागरण प्रतिनिधि ने इनसे बात की तो यह कहने लगे कि हम लोग रात दो बजे तक मंचन करते हैं। सुबह-शाम पढ़ाई में ध्यान लगाते हैं। मंचन से पढ़ाई में कोई व्यवधान नहीं उत्पन्न होता। अपने स्कूल में कभी अनुपस्थित नहीं रहते हैं। इन छात्रों की क्षेत्र में लोग प्रशंसा करते हैं।
इनके साथ ही आशुतोष, अभिषेक शर्मा, योगेंद्र नाथ शर्मा, रावण नीरज शर्मा हैं। रावण का विवाह भी नवंबर माह में है। इसमें रामलीला के सभी पात्र खासतौर पर बुलाए गए हैं। इसी प्रकार ब्रह्मा का किरदार निभाने वाले वृहस्पति शर्मा शिक्षक हैं और मेघनाथ बने हैं प्रशांत शर्मा। यह एक फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं।