प्रोफेसर युगल ने बिना दहेज रचाया विवाह
दहेज न मिलने या कम मिलने पर रिश्ते दरक रहे हैं।
जासं, प्रतापगढ़ : दहेज न मिलने या कम मिलने पर रिश्ते दरक रहे हैं। सात जन्मों की कसमें सात दिन में टूट जा रही हैं। शादियों में दोनों तरफ से पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। दिखावे व लालच के ऐसे दौर में एक प्रोफेसर जोड़े ने समाज के सामने नई मिसाल पेश की है। उसने नगर के बेल्हा देवी मंदिर में शादी रचाई है।
पीबीपीजी कालेज सिटी में हिदी के प्रोफेसर डा. शिव प्रताप सिंह कोहड़ौर के रहने वाले हैं। वह साल भर पहले उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग में चयनित हुए। उनका संपर्क मुरादाबाद में हिदू कालेज की सहायक प्रोफेसर डा. प्रीती सिंह से हुआ। प्रीती मूल रूप से जौनपुर की रहने वाली हैं। एक-दूसरे से संपर्क दो सेमिनारों में हुआ। इसके बाद दोस्ती हो गई। दोनों ने समाज को दहेज कुरीति से मुक्ति की ओर प्रेरित करते हुए खुद आदर्श विवाह रचाया। बुधवार को वह दोनों अपने परिजनों व कुछ नजदीकी रिश्तेदारों के साथ बेल्हा देवी मंदिर पहुंचे। वहां पर वैदिक विधि से विवाह रचाया। न कोई बैंड बाजा, न पटाखों का शोर, न आंडबर का कोई इंतजाम। इस दौरान बातचीत में नव दंपती ने कहा कि उपदेश देने से अच्छा है कि कुछ करके उदाहरण बना जाए। उनके विचार मिले और फिर शादी का फैसला किया। समाज में दहेज और नाजायज खर्च का चलन बहुत अखरता है।