अपनी जिम्मेदारी से मुंह न मोड़ें निजी अस्पताल
कोरोना के संकट से मुकाबला करने को तरह-तरह के प्रयास जिले में हो रहे हैं। निजी अस्पताल संचालकों को कहा गया है कि वह बिना सूचना व अनुमति के अपने अस्पताल को एक दिन के लिए भी बंद न करें।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : कोरोना के संकट से मुकाबला करने को तरह-तरह के प्रयास जिले में हो रहे हैं। निजी अस्पताल संचालकों को कहा गया है कि वह बिना सूचना व अनुमति के अपने अस्पताल को एक दिन के लिए भी बंद न करें। लॉकडाउन में भी इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं जारी रखें। मनमानी करने पर कार्रवाई करनी पड़ेगी।
जिले में 115 निजी चिकित्सा केंद्र हैं। इनमें से बतौर अस्पताल 29 का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग में है। बाकी क्लीनिक हैं, जहां मरीजों के लिए केवल ओपीडी चलती है। इन दिनों पूरे देश में कोरोना का डर है। बहुत से लोगों को सामान्य चेकअप के लिए भी डाक्टरों की जरूरत पड़ रही है। इससे सरकारी अस्पतालों पर भीड़ का दबाव बढ़ गया है। इस बीच सीएमओ को शिकायत मिली कि कुछ निजी अस्पताल परीक्षण में आनाकानी कर रहे हैं। इससे लोगों को शहर आना पड़ रहा है। इस पर सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव ने सोमवार देर शाम आदेश जारी किया कि निजी अस्पताल नार्मल परीक्षण से इन्कार न करें। लोगों का परीक्षण करें, उनको जागरूक करें और कोई संदिग्ध लगता है तो कंट्रोल रूम को तत्काल सूचना दें।
संकट के इस समय में निजी अस्पतालों की भूमिका अहम है। वह जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जन सामान्य का सहयोग करें। लोगों को अफवाहों से भी बचाएं। उनके खानपान में भी मदद करें। हां इतना ध्यान रहे कि कोइ संदिग्ध मरीज दिखे तो उसको बिना बताए अफसरों को सूचना दें, ताकि ऐसे लोगों को आइसोलेट किया जा सके।