UP News: कभी डाक तो कभी बैंक कर्मी बनकर करते हैं कॉल; साइबर अपराधी भेज रहे ठगी का कूपन, रहें सतर्क
अगर आपके पास फोन काल आती है या कोई रजिस्ट्री आती है व कार जीतने की खुशखबरी मिलती है तो जरा संभलें। लिफाफे में आया कूपन खोलने पर कार का सपना भले ही पूरा न हो लेकिन आपके खाते से साइबर ठग रकम निकाल लेंगे। ऐसे केस सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : अगर आपके पास फोन काल आती है या कोई रजिस्ट्री आती है व कार जीतने की खुशखबरी मिलती है तो जरा संभलें। लिफाफे में आया कूपन खोलने पर कार का सपना भले ही पूरा न हो, लेकिन आपके खाते से साइबर ठग रकम निकाल लेंगे। ऐसे केस सामने आए हैं।
ठगी करने के लिए साइबर ठग एक से बढ़कर एक नया हथकंडा अपनाते हैं। अब तक वह फोन काल कर खाते का डिटेल पूछकर, बिजली का बिल अपडेट करने के नाम पर रकम उड़ा देते थे। अब वह ईनामी कूपन भेज रहे हैं। डाक से रजिस्टर्ड लिफाफा लोगों के घर आ रहा है। उसमें दिए गए नंबर पर काल करनी होती है।
शर्तों में उलझाकर उड़ा देते हैं पैसे
बाद में कई तरह की बातों, ख्वाबों व शर्तों में उलझाकर पैसे उड़ा देते हैं। कभी रजिस्ट्री तमिलनाडु से आ रही है तो कभी छत्तीसगढ़ के पते से। जो लोग सजग हैं वह तो बच जा रहे हैं, लेकिन जो नहीं समझ पा रहे वह फस जा रहे हैं।
कोर्ट कर्मी को बनाया शिकार
साइबर ठगों ने एक महीने पहले कोर्ट कर्मी प्रशांत त्रिपाठी को अपना शिकार बना लिया था। बाबागंज के रहने वाले प्रशांत कोर्ट में ड्यूटी कर रहे थे। शाम को उनके पास एक फोन आया। कहा गया कि उनका पार्सल आया है। डिलिवरी ब्वाय के नंबर पर मैसेज कर दीजिए तो वह घर पहुंचा देगा।
प्रशांत इस झांसे को समझ न सके और दिए गए नंबर पर मैसेज कर दिया। इसके बाद कोई पार्सल तो नहीं आया, लेकिन बंधन बैंक के उनके खाते से 67 हजार 531 रुपये निकलने का मैसेज मोबाइल पर आया तो वह दंग रह गए। उन्होंने नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया, लेकिन अब तक कार्रवाई पुलिस नहीं कर सकी।
लिफाफे में निकला हर्बल कंपनी का कूपन
अपराधियों ने अधिवक्ता गौरव त्रिपाठी को भी ठगने का प्रयास किया। सतर्क रहने से उनकी कमाई बच गई। उनके पास पोस्ट आफिस से डाकिया के रूप में काल आई कि एक रजिस्ट्री आई है। तमिलनाडु से आए लिफाफे को खोला गया तो तो उसमें एक हर्बल कंपनी ईनामी कूपन था। काल सेंटर का नंबर दिया गया था।
उस पर बात करने पर कहा गया कि 14 लाख 99 हजार नकद व कार दोनों में से एक एक ले सकते हैं। इसके लिए एडवांस 18 हजार बुकिंग राशि भेज दें। पैसा भेजने से मना करने पर वह अमित नामक अपराधी धमकी देने लगा। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को सारे साक्ष्य देकर कार्रवाई की मांग की।
साइबर क्राइम को लेकर सतर्कता सबसे जरूरी है। फिर भी यादि शिकार बन जाएं तो पुलिस के साइबर सेल में जाकर अपनी बात बताएं। पुलिस मदद करेगी।- सतपाल अंतिल, एसपी