राजा के तालाब की कौन बुझाए प्यास
सगरासुंदरपुर, प्रतापगढ़ : आज ही नहीं, दशकों पहले भी लोग जानते थे कि जल ही जीवन है। पानी
सगरासुंदरपुर, प्रतापगढ़ : आज ही नहीं, दशकों पहले भी लोग जानते थे कि जल ही जीवन है। पानी न रहेगा तो जीवन मुमकिन नहीं होगा। यही वजह रही कि राजाओं, सेठों ने अपने दौर में तालाब, बावली के निर्माण कराए थे, पर बदले वक्त ने पानी बचाने के उनके प्रयास पर पानी फेर दिया। ऐसा ही एक तालाब सगरा सुंदरपुर बाजार के पास है, जो बरसात के समय ही अपनी प्यास बुझा पाता है, बाकी समय सूखा रहता है।
कभी लगभग 20 बीघे में फैले इस तालाब में रानी देवली के स्नान करने की बात आती है। साथ ही इससे साल भर उनकी जनता व पशु पक्षियों की भी प्यास बुझती थी। राजा देवली ने तालाब में नहाने के लिए पक्का घाट व इसकी गहराई को मापने के लिए एक स्तंभ भी बनवाया था जो, जीर्णशीर्ण दशा में आज भी है। सगरा रजबहा से इस तालाब तक पानी आने के लिए पक्की नाली बनी है। इसके बाद कच्चे नाले से होकर इसमें पानी आता था। इससे तालाब साल भर लबालब रहता था, लेकिन अतिक्रमणकारियों के चलते लगभग पांच वर्ष से यह तालाब सूखा पड़ा है। अपना वजूद बचाए रखने को संघर्ष कर रहा है। कब्जे से तालाब की मुक्ति व इसमें पानी की व्यवस्था के लिए लोगों ने प्रशासन से मांग की, लेकिन कोई न सुना। बाजारवासियों व क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस तालाब की दशा सुधर जाए तो आसपास का जलस्तर बढ़ने के साथ ही पशु पक्षियों को पानी मिलेगा। वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर होने के कारण लोगों के लिए एक सुंदर पार्क बन जाए तो बात बन जाए।
इनका कहना है
तालाब पौराणिक है। कई गांव के मध्य होने के कारण अति महत्वपूर्ण है। इसमें जल संरक्षण के लिए जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना चाहिए।
-डा. हरिश्चंद्र शुक्ल
तालाब में जल संरक्षण बहुत जरूरी है। इससे बाजार वासियों समेत पशु पक्षियों को भी लाभ है।
-श्रीराम यादव
अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराकर तालाब को फिर हरा भरा बनाने की जरूरत है। पूरे रूप से इंटौरी के नाले की सफाई व मरम्मत कराई जाए।
-वाहिद अली
तालाब में जल संरक्षण के लिए समाज के जिम्मेदार लोगों को भी आगे आना होगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को गंभीरतापूर्वक कार्य करना होगा।
-अजय कुमार तिवारी