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यहां खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं लोग

आसपुर देवसरा क्षेत्र पंचायत के विभिन्न गांव में शौचालय को लेकर बहुत ही बदतर स्थिति है। इस क्षेत्र में कुल 84 ग्राम पंचायत हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 12:35 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:02 AM (IST)
यहां खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं लोग

आसपुर देवसरा क्षेत्र पंचायत के विभिन्न गांव में शौचालय को लेकर बहुत ही बदतर स्थिति है। इस क्षेत्र में कुल 84 ग्राम पंचायत हैं। यहां 26 हजार 939 शौचालय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि अभी तक 21 हजार 839 शौचालय ही बन पाए हैं। पांच हजार शौचालय का निर्माण अभी शेष है। ऐसे में जिन ग्रामीणों के पास शौचालय नहीं है, वह खुले में जाने को मजबूर हैं। इसके बावजूद शैलखा गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है।

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ढकवा बाजार प्रतिनिधि के अनुसार ब्लाक के 84 ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के 21 हजार 839 शौचालय का जियो टैंगिग कर निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि अभी भी पांच हजार निर्माण कार्य चल रहा हैं। दैनिक जागरण टीम ने शुक्रवार को शैलखा गांव में शौचालयों की हकीकत देखी। तमाम ग्रामीण शौचालय की बदहाली का रोना रोते मिले। शैलखा में 385 शौचालयों के निर्माण होना था, जबकि 250 शौचालय बने हैं। अभी 185 शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है। ग्राम प्रधान का दावा है कि सिर्फ 63 शौचालय का निर्माण बाकी है।

बनवाया शौचालय, नहीं मिला पैसा

शैलखा गांव के भानु प्रताप पांडेय, अजीत चौहान, राम चंद्र , राम सूरत, सुनील पांडेय सहित दर्जनों लाभार्थियों ने प्रधान के प्रोत्साहन पर शौचालय तो बनवा लिया, लेकिन अभी तक पैसा न मिलने से मायूस हैं। कागजों में बना शौचालय, लाभार्थी मायूस

गांव के उमाकांत चौहान, राम लाल, छत्रपाल, रघुनंदन, घनश्याम, धर्मेंद्र सहित तीन दर्जन लोगों का आरोप है कि शौचालय नहीं बना और ना ही पैसे मिले। जिम्मेदारों की मिलीभगत से कागजों में हमारे शौचालय बने हुए हैं। कई बार लाभार्थियों ने उच्चाधिकारियों को इस बाबत पत्र भी भेजा। डीपीआरओ व पीड़ी 20 जून को खुद ही शौचालयों की हकीकत देखकर वापस गए हैं ।


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