कागज पर नहीं धरातल पर होगा निस्तारण
संसू, प्रतापगढ़ : जमीन के विवादों का निस्तारण अब कागज पर नहीं धरातल पर होगा। इसके लिए एसपी ने एक फार्मूला बनाया है।
संसू, प्रतापगढ़ : जमीन के विवादों का निस्तारण अब कागज पर नहीं धरातल पर होगा। इसके लिए एसपी ने एक फार्मूला बनाया है, जिस पर डीएम ने भी अपनी सहमति जता दी है। अभियान की शुरुआत महीने के तीसरे शनिवार यानी 20 अक्टूबर को थाना समाधान दिवस से होने जा रही है।
तहसीलों में होने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में 70 फीसदी से अधिक शिकायतें जमीन के विवाद की आती है। यह ऐसी शिकायतें है, जिनमें से अधिक का निस्तारण नहीं हो पाता है। निस्तारण न होने की मुख्य वजह लेखपाल हैं, जो मामलों के लटकाए रहते हैं। जमीन के विवाद को लेकर आए दिन मारपीट होती रहती है। जमीन की रंजिश में ही कई हत्याएं हो चुकी हैं। अभी महीने भर पहले 14 सितंबर को अंतू के कुआ गांव में दिनेश ¨सह, उनकी पत्नी प्रीतम देवी और बाघराय के भिटारा गांव में भीम ¨सह, उनके ताऊ अरुण ¨सह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एसपी ने जमीन के बढ़ते विवादों की समीक्षा की तो पाया कि लेखपालों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है। पुलिस व राजस्व कर्मियों की संयुक्त टीम मौके पर न जाने के कारण विवादों का निस्तारण नहीं हो पाता है। एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि पीलीभीत में तैनाती के दौरान उन्होंने भूमि विवादों के निस्तारण का एक फार्मूला बनाया था, जो काफी कारगर साबित हुआ। शिकायत करने वाले के साथ ही दूसरे पक्ष को भी नोटिस बुलाकर राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम भेजकर पैमाइश कराई जाती थी, जिसका नतीजा रहा कि जहां थाना समाधान दिवस पर जहां बमुश्किल 25-30 लोग आते थे, वहीं इस फार्मूले के बाद यह संख्या बढ़कर तीन सौ तक पहुंच गई थी। एसपी ने बताया कि यहां भी वहीं फार्मूला अपनाया जाएगा। दोनों पक्षों को नोटिस भेजकर तलब किया जाएगा। फिर राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर जाएगी। लेखपाल पैमाइश करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। पूरी कार्रवाई की 10-15 एंगिल से फोटो कराएंगे। मोबाइल में वीडियो बनाएंगे। उसे निर्धारित वाट्सअप पर भेजेंगे। यह सब रिकार्ड सुरक्षित करने के लिए गांव व थानावार लैपटाप में फोल्डर बनाया जाएगा। विवादित मामलों के निस्तारण का टैबुलेशन किया जाएगा, जिससे एक क्लिक पर संबंधी प्रकरण लैपटॉप की स्क्रीन पर आ जाएगा।
--------------
कारगर रहा मुनादी सिस्टम
संसू, प्रतापगढ़ : सभी जिलों के कप्तान से डीजीपी ने यह रिपोर्ट मांगी है कि उनके द्वारा किया गया कौन सा नया प्रयोग कारगर रहा। एसपी ने बताया कि मुनादी सिस्टम अपराध पर अंकुश लगाने और वांछितों की गिरफ्तारी में काफी कारगर साबित हुआ। हर थाने में एक मुनादी टीम बनाई गई है। जो फरार चल रहे बदमाशों के घर के बाहर और गांव में मुनादी करती है। इससे बदमाशों के बारे में काफी गोपनीय सूचनाएं भी मिलीं। इससे मुंगेर की पिस्टल, तमंचा, चोरी की बाइक के साथ डेढ़ सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया।