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सड़क निर्माण में मनमानी करने वाले ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश

विकास भवन सभागार में आयोजित दिशा की बैठक गहमा-गहमी के बीच हुई। जनप्रतिनिधियों के तेवर से मनमानी करने वाले अफसरों का पसीना छूट गया। अफसरों की नसीहत दी कि पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी के साथ काम करें। जनप्रतिनिधियों व आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारित करें। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:04 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 11:04 PM (IST)
सड़क निर्माण में मनमानी करने वाले ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश
सड़क निर्माण में मनमानी करने वाले ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश

संसू, प्रतापगढ़ : विकास भवन सभागार में आयोजित दिशा की बैठक गहमा-गहमी के बीच हुई। जनप्रतिनिधियों के तेवर से मनमानी करने वाले अफसरों का पसीना छूट गया। अफसरों की नसीहत दी कि पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी के साथ काम करें। जनप्रतिनिधियों व आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारित करें। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे लेकर अफसर सहमे रहे।

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शनिवार का दिन था। दिन के एक बजे थे। विकास भवन में आयोजित दिशा की बैठक चल रही थी। परियोजना निदेशक मौजूद जनप्रतिनिधियों के सामने एजेंडा पढ़कर सुना रहे थे। जैसे ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति का एजेंडा पढ़ा जाना शुरू हुआ कि सांसद संगम लाल गुप्त, विधायक धीरज ओझा एवं विधायक विश्वनाथगंज डा. आरके वर्मा ने क्षेत्र की सड़कों के निर्माण में ठेकेदार पर मनमानी का आरोप लगाना शुरू कर दिया। कहा कि पीएमजीएसवाई से कंपनी बाग से अंतू मार्ग, कोहंड़ौर से चंदौका, उड़ैयाडीह से पृथ्वीगंज, आमामऊ से ककरहा, शेखूपुर, पिरथीगंज मार्ग समेत कई सड़कों का निर्माण होने के कुछ ही दिन बाद खराब हो गई। कार्य कराने के वाले ठेकेदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। पूछने पर पता चला कि संबंधित विभाग के एक्सईएन अनुपस्थित हैं। इस पर जनप्रतिनिधियों ने निदा प्रस्ताव भी सदन में रखा। सांसद ने एक्सईएन पीडब्लूडी से कहा कि शहर के नया माल गोदाम रोड मानक के वितरीत बनाई गई है। क्वालिटी का ध्यान नहीं दिया गया। जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के प्रचार-प्रसार में 11 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की उच्चस्तरीय टीम से जांच करने का निर्देश दिया गया। इसके लिए डीपीआरओ लालजी दुबे को जनप्रतिनिधियों ने कहा कि 10 दिन के भीतर गांव-गांव में हुए कार्यक्रम की रिपोर्ट मंगाकर उनके समक्ष रखें। बैठक में सीडीओ धीरेंद्र प्रताप सिंह, डीएसओ सुनील कुमार, पीडी डा. आरसी शर्मा, पीओ डूडा एएम त्रिपाठी, उपायुक्त उद्योग दिनेश चौरसिया, बचत अधिकारी विजय कुमार, डीएसटीओ राजेश सिंह, जिला उद्यान अधिकारी अनिल दुबे, जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार सिंह, उप कृषि निदेशक रघुराज सिंह समेत अफसर मौजूद रहे।

कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर को फटकारा, चेतावनी : जिले में चल रहे कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम में लापरवाही पर मौजूद जनप्रतिनिधियों ने निदेशक पर नाराजगी जतायी। उनका कहना था कि जिले के युवा बाहर जाकर नौकरी कर रहे हैं। युवाओं को अगर प्रशिक्षण दिया गया होता तो वह जिले से बाहर जाने के बारे न सोचते। उन्होंने मिशन के निदेशक को फटकार लगाते हुए कहा कि इस योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्रों में कैंप लगाकर युवाओं को प्रशिक्षित करें।

डीसी एनआरएलएम पर लगाया लापरवाही का आरोप : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मानधाता व बाबा बेलखरनाथ धाम में अधिक समूह के गठन होने की बात डीसी एनआरएलएम ओपी यादव ने सदन में रखी। विधायक विश्वनाथगंज डा. वर्मा ने कहा कि विभागीय उदासीनता से शासन की महत्वाकांक्षी योजना को गति नहीं मिल रही है। विधानसभा क्षेत्र की तमाम ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जो पिछड़ी हैं, वहां गरीब लोग हैं, उनको योजना से नहीं जोड़ा गया। विधायक धीरज ओझा ने अफसर पर आरोप लगाया कि मनमाने तरीके से सूची शासन में भेज दी गई।

हंसी का पात्र बने रहे अभियंता : जिले के नगर पंचायत लालगंज, रानीगंज, नगर पालिका क्षेत्र में फ्लैट निर्माण होना है। इस मामले में प्रगति जानने के दौरान सांसद ने पूछा तो आवास विकास विभाग के अभियंता ठीक से जवाब नहीं दे सके। सांसद ने अभियंता से पूछा कि बराछा कहां है, पता है। अभियंता ने जवाब दिया कि भुलियापुर में है। यह सुनकर सभी जनप्रतिनिधि व अफसर अपनी हंसी को रोक नहीं सके। सांसद ने अभियंता से कहा कि वह पहले स्थान जाकर देखें, तभी वह काम कर पाएंगे।

सदन में छाए रहे पूर्व बीडीओ अशोक : संडवा चंद्रिका ब्लाक में तैनात रहे बीडीओ अशोक कुमार दुबे का कारनामों का मुद्दा छाया रहा। उनके द्वारा मनरेगा से बिना कार्य कराए 9.27 लाख रुपये के गबन की शिकायत विधायक विश्वनाथगंज प्रतिनिधि दिनेश सिंह ने की थी। जांच के बाद उनकी ग्रेच्युटी से गबन की गई रकम को रोक लिया गया। इसमें पूर्व बीडीओ पर हो चुकी कार्रवाई की जानकारी होने पर जनप्रतिनिधि ने दूसरे एजेंडे पर ध्यान देने लगे।

डीएफओ पर भड़के जनप्रतिनिधि, निदा प्रस्ताव पारित : शनिवार को दिशा की बैठक में जब वन विभाग का एजेंडा पढ़ा जाने लगा तो विधायक धीरज ओझा, डा. आरके वर्मा समेत जनप्रतिनिधियों ने कहा कि आप तो किसी का फोन उठाते नहीं। जवाब में डीएफओ बी.के. अहिरवार ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। आप लोग हमारे कार्यालय में आइए। आपका स्वागत है। यह सुनकर सारे विधायक भड़क गए। कहा कि आपको प्रोटोकॉल नहीं पता है। विधायक आपके कार्यालय में आपसे मिलने जाएगा। जरा सी अक्ल नहीं है। कैसे जवाब दिया जाता है, इस पर सभी विधायकों समेत जनप्रतिनिधियों ने खड़े होकर डीएफओ के विरुद्ध निदा प्रस्ताव पारित कर दिया। हालांकि सांसद संगम लाल गुप्ता ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। हालांकि 10 मिनट बाद फिर से बैठक शुरू हुई। इस दौरान डीएफओ को काफी फजीहत झेलनी पड़ी। परियोजना निदेशक डा. आरसी शर्मा ने बताया कि किसी तरह से मामले को शांत कराया गया।


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