इलाहाबाद बैंक को क्षतिपूर्ति देने का आदेश
जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम के अध्यक्ष दूधनाथ सिंह व वरिष्ठ सदस्य तौफीक अहमद ने अमरीन बानो निवासी खटवारा तहसील कुंडा के प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए इलाहाबाद बैंक डेरवा के प्रबंधक को आदेश दिया है कि परिवादिनी को चेक के भुगतान न होने की तिथि से 30 हजार रुपये और उस पर सात फीसद वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करें। साथ ही दो हजार मानसिक क्षति व दो हजार रुपये वाद खर्च भी भुगतान करें।
संसू, प्रतापगढ़ : जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम के अध्यक्ष दूधनाथ सिंह व वरिष्ठ सदस्य तौफीक अहमद ने अमरीन बानो निवासी खटवारा, तहसील कुंडा के प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए इलाहाबाद बैंक डेरवा के प्रबंधक को आदेश दिया है कि परिवादिनी को चेक के भुगतान न होने की तिथि से 30 हजार रुपये और उस पर सात फीसद वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करें। साथ ही दो हजार मानसिक क्षति व दो हजार रुपये वाद खर्च भी भुगतान करें।
परिवादिनी के अनुसार उसे अल्पसंख्यक कल्याण योजना के तहत 30 हजार रुपये का चेक 29 जनवरी 2013 को दिया गया था7 उस चेक को उसने अपने इलाहाबाद बैंक डेरवा में अपने खाते में 12 फरवरी 2013 को लगाया था। 16 मार्च 2013 को जब वह पैसा लेने बैंक गई तो शाखा प्रबंधक ने बताया कि चेक की वैधता समाप्त होने के कारण भुगतान नहीं हो सका। उसने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पुन: जाकर संपर्क किया तो पता चला कि बैंक ने समय पूरा हो जाने के बाद चेक को क्लीयरिग के लिए भेजा था। इस वजह भुगतान नहीं किया जा सका और दूसरा चेक विभाग ने देने से इन्कार कर दिया था। सुधार के लिए 15 दिसंबर तक आवेदन पत्र जमा करने होंगे
प्रतापगढ़: कक्षा नौ व 10 एवं दशमोत्तर की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत जनपदीय लॉगिन पर आधार प्रमाणीकरण के लिए छात्र व छात्रा के नाम में स्पेलिग संबंधी गलती को सुधारा जाना है। डाटा के सत्यापन के लिए सभी शिक्षण संस्थाओं को सूचित कर दिया गया है। छात्रों को प्रार्थना पत्र के साथ आधार कार्ड की छायाप्रति तथा हाईस्कूल अंक पत्र या प्रमाण पत्र की छायाप्रति लगाकर जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजना होगा। उनके माध्यम से जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कार्यालय को एक सप्ताह के अन्दर प्रत्येक दशा में प्राप्त करा दिया जाएगा। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने अवगत कराया है कि छात्र व छात्राओं को आनलाइन आवेदन पूर्ण कराने की अंतिम तिथि एक दिसंबर है। 15 दिसंबर तक छात्र व छात्राओं के आवेदन पत्र नहीं पहुंचे तो डाटा को गलत मानते हुए निरस्त कर दिया जायेगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी छात्र-छात्राओं एवं शैक्षणिक संस्थान की होगी।