नौकरी का झांसा देकर कर रहे ऑनलाइन ठगी
साइबर अपराधी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को ठग रहे हैं।
प्रतापगढ़ : साइबर अपराधी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को ठग रहे हैं। पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा मंगा लेते है और बाद में ट्रेनिग के पहले डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन फीस के रूप में खाते में पैसा मंगाते हैं।
बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए साइबर अपराधियों ने नया तरीका ईजाद कर लिया है। बकायदा विमान कंपनी के नाम से वेबसाइट खोल ली है और उस पर ऑनलाइन परीक्षा देकर नौकरी देने की बात कह रहे हैं। शहर के मीराभवन की रहने वाली छात्रा शालिनी सिंह वेबसाइट पर नौकरी की तलाश कर रही थीं। उसी समय उसे एक विमान कंपनी की वेबसाइट दिखी। आवेदन करने पर पहले इनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर डेढ़ हजार रुपये अपने बैंक एकाउंट में मंगा लिया। फिर ऑनलाइन 20-20 नंबर की दो परीक्षा ली। दोनों परीक्षाओं में 15-15 नंबर देकर यह झांसा दिया कि बुकिग क्लर्क के पद पर चयन हो गया है। ट्रेनिग के दौरान 18 से 25 हजार रुपये वेतन मिलेगा। ट्रेनिग के बाद वेतन 35 हजार हो जाएगा।
खुद को कंप्टीशन कराने वाले डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताकर साइबर शातिर ने शालिनी को फोन किया कि ट्रेनिग के पहले डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन फीस के रूप में 5700 रुपये जमा करना होगा। पैसा जमा करने के लिए उसने खाता नंबर दिया। खाता नंबर देखते ही शालिनी को शक हो गया कि कोई उसे नौकरी का झांसा देकर ठग रहा है क्योंकि जो खाता नंबर दिया था, वह विमान कंपनी के बजाय एक व्यक्ति का था। इस पर शालिनी ने साइबर शातिर को फोन करके कहा कि इस समय पापा के पास पैसे की प्रॉबलम है, इसलिए वह पैसा नहीं जमा कर पाएगी। फिर साइबर शातिर कहने लगा कि किसी तरह पैसे का इंतजाम करके जमा करा दें, 48 घंटे पैसा रिफंड हो जाएगा। लेकिन शालिनी ने कहा कि वह इस समय पैसा नहीं जमा करा पाएगी। शालिनी की तरह ज्योति, प्रीती, कृतिका भी ठगे जाने से बच गईं, क्योंकि शालिनी ने फोन करके सबको अलर्ट कर दिया। इस तरह इन युवतियों की सिर्फ डेढ़ हजार रुपये की ही चपत लगी। सीओ सिटी अतुल शर्मा का कहना है कि अगर कोई नौकरी देने के नाम पर बैंक खाते में पैसा जमा करने की बात करता है, तो जान लीजिए कि वह कोई साइबर अपराधी है। ऐसे मामलों में संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज करके विवेचना क्राइम ब्रांच से कराई जाती है।