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अब डकैती के मास्टर माइंड की तलाश, खुलेंगे और कई राज

शहर के व्यस्ततम क्षेत्र श्याम बिहारी गली में डकैती ऐसे ही नहीं पड़ी। इसके लिए एक दर्जन से अधिक शातिरों ने कई दिन तक तानाबाना बुना। रेकी की और उसी गली के एक-दो लोगों को अपनी योजना का हिस्सा बनाकर वारदात को अंजाम देकर निकल गए। इसमें वारदात को करने के तरीके से लेकर समय तक को बारीकी से परखने के बाद घटना को अंजाम दिया गया। सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस समेत संसाधनों का प्रयोग करके पुलिस ने सात बदमाशों को तो पकड़ लिया पर अभी यह कामयाबी आधी ही कही जाएगी। अभी 50 लाख का सोना ही पुलिस बरामद कर पाई है। इस कांड में दो मास्टर माइंड रहे। एक रुस्तम जिसने इस घटना में लीड रोल निभाया और दूसरा वह जिसने बदमाशों से मिलकर यह तय कराया कि कब व कैसे करना है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:52 PM (IST)
अब डकैती के मास्टर माइंड की तलाश, खुलेंगे और कई राज
अब डकैती के मास्टर माइंड की तलाश, खुलेंगे और कई राज

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : शहर के व्यस्ततम क्षेत्र श्याम बिहारी गली में डकैती ऐसे ही नहीं पड़ी। इसके लिए एक दर्जन से अधिक शातिरों ने कई दिन तक तानाबाना बुना। रेकी की और उसी गली के एक-दो लोगों को अपनी योजना का हिस्सा बनाकर वारदात को अंजाम देकर निकल गए। इसमें वारदात को करने के तरीके से लेकर समय तक को बारीकी से परखने के बाद घटना को अंजाम दिया गया। सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस समेत संसाधनों का प्रयोग करके पुलिस ने सात बदमाशों को तो पकड़ लिया, पर अभी यह कामयाबी आधी ही कही जाएगी। अभी 50 लाख का सोना ही पुलिस बरामद कर पाई है। इस कांड में दो मास्टर माइंड रहे। एक रुस्तम, जिसने इस घटना में लीड रोल निभाया और दूसरा वह जिसने बदमाशों से मिलकर यह तय कराया कि कब व कैसे करना है।

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सोने-चांदी के कारीगरों व बड़े स्वर्णकारों के नाम से जाने जानी वाली श्याम बिहारी गली की वारदात ने पुलिस को हिलाकर रख दिया था। इसको नाक का सवाल बनाकर पुलिस के आला अफसर कड़ी से कड़ी जोड़ने में लग गए। खुद एडीजी जोन प्रेमप्रकाश पूरे अभियान में लीडर की भूमिका में रहे। वह कई बार प्रतापगढ़ आए, कांबिग कराई, खुद चेकिग की। एसपी शिवहरी मीणा को आते ही बदमाशों ने यह तगड़ी सलामी दी थी। ऐसे में एसपी ने भी इसे चुनौती मानते हुए बदमाशों की धर-पकड़ के लिए कोतवाली पुलिस, स्वॉट पुलिस, सर्विलांस टीम के साथ लग गए। इसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ व हाफ एनकाउंटर में एक के बाद एक तीन बदमाशों को पकड़ा। बदमाश गोली लगने से घायल भी हुए। हालांकि उनका कनेक्शन सर्राफ डकैती कांड में नहीं मिला, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से बदमाशों में खौफ जरूर पैदा हो गया। इधर एएसपी सुरेंद्र प्रसाद द्विवेदी के नेतृत्व में सात पुलिस टीमें गठित कर लगातार दबिश व चेकिग चलती रही। मंगलवार की रात सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर कमलेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक स्वॉट टीम मृत्युंजय मिश्र, प्रमोद सिंह समेत भारी पुलिस बल की मुठभेड़ में बदमाश हत्थे चढ़ गए।

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...बदमाशों ने ऐसे दिया था डकैती को अंजाम

रामलीला मैदान में मुठभेड़ में गोली लगने के बाद व अन्य तरीकों से पकड़े गए डकैती कांड में शामिल रहे बदमाशों ने काफी कुछ राज खोल दिया है। एक तो यह बात सामने आई कि सुरेश सोनी की दुकान में सबसे पहले रुस्तम दो साथियों के साथ दाखिल हुआ था। उसने असलहे के दम पर उनको कवर किया, अगले ही पल प्लान के मुताबिक दो बदमाश आए। एक के पास बैग था। उसने फटाफट काउंटर व दराज में रखे जेवरात बैग में भरे व भाग निकले। इस बीच दो-दो बदमाश गली के दोनों नाकों की ओर नजर गड़ाए रहे कि कोई आ तो नहीं रहा। इसके बाद यह लोग बाइक व कार को बदलकर लगातार ठिकाने भी बदलकर पुलिस से बचते रहे।गिरफ्तार बदमाश फरमान ने बरामद जेवरात के बारे में पुलिस को बताया कि साथियों के साथ मिलकर श्याम बिहारी गली में सुरेश सोनी के सर्राफा की दुकान में कांड किया। उनकी मदद एक अज्ञात स्वर्णकार ने की। उसी ने सुरेश की दुकान भी दिखाया था। लूट करने के लिए उन लोगों ने कई दिनों तक गली में रेकी की थी। छह जनवरी को खान चौराहा, महेवा प्रयागराज में शुभम जायसवाल के किराए के कमरे में रुस्तम, शुभम, पुनीत सोनी, नसीम ने मिलकर अगले दिन श्याम बिहारी गली में लूट की योजना बनाई। घटना वाले दिन यानी सात जनवरी की सुबह नौ बजे यह लोग रामलीला मैदान में मिले। वहां से लूट करने के निकले। शुभम जायसवाल अपने साथी के साथ गली में ही रुक गया। आने-जाने वालों पर निगाह रखने लगे, दो अन्य साथी दूसरी गली की तरफ मौजूद थे। फरमान, रुस्तम व रुस्तम का एक साथी गली के सुरेश सोनी की दुकान में घुसे। फरमान ने अपने तमंचे की नोक पर सुरेश सोनी को ले लिया। रुस्तम का साथी बैग लेकर दुकान के अंदर रखी तिजोरी मे रखा सोने का सारा जेवरात बैग में भर लिया। गल्ले मे रखे रुपये निकाल लिए। रुस्तम दुकान के गेट पर खड़ा रहा। इसके बाद यह निकलकर रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए। फरमान, शुभम तथा रुस्तम अपनी पूरी टीम के साथ चल दिए।

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..सबसे पहले रानीगंज पहुंचे, किया माल का बंटवारा

फरमान, शुभम व रुस्तम लूट का माल लेकर लच्छीपुर रानीगंज आ गए। जहां अपने एक साथी के कमरे पर रुकने के कुछ देर बाद फरमान का साथी क्रेटा गाड़ी लेकर आया। इसी दौरान टीम के अन्य सदस्य का फोन आया, जिसने इन लोगों को माल समेत कांधरपुर बुलाया। यह लोग वहां पहुंचे। पूरा माल दो भागों में अंदाज से बांटा गया। पहला भाग फरमान, रुस्तम, शुभम तथा साथियों का तथा दूसरा भाग मदद करने वाले सोनार, पुनीत व अन्य साथियों में बांटा गया। अपना हिस्सा लेकर रुस्तम प्रयागराज चला गया। वहां फरमान के दोस्त के घर माल रखा। इसके एवज में उसे भी कुछ सोने का जेवरात दिया गया। जेवरात छुपाने के लिए फहीम उर्फ मोनू तथा यूसुफ का सहयोग लिया गया, जिसके एवज में उन्हे भी सोने का जेवरात दिया गया।

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गिरोह में शामिल स्वर्णकार को बेचने आए थे सोना

बदमाशों के अनुसार यह घटना काफी चर्चित हो गई थी। माल कहीं बिक नहीं रहा था। ऐसे में इन लोगों ने निर्णय लिया कि कम पैसे में ही सही, पर उसी सोनार को माल बेच दिया जाए, जिसने मास्टर माइंड के रूप में रेकी कराई थी। यही सौदा करने यह लोग मंगलवार की रात रामलीला मैदान में आए थे, जहां मुठभेड़ हो गई। यह लोग रेकी कराने वाले सोनार को पहचानते हैं, नाम नहीं जानते।

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तो एक और वारदात की थी तैयारी

अगर बदमाश पकड़े न जाते तो जल्दी ही यह लोग एक और वारदात उसी क्षेत्र में करने वाले थे। रेकी कराने वाले सोनार ने श्याम बिहारी गली के किसी दूसरे सोनार के यहां भी इसी तरह से घटना कराने का वादा किया था। साथ ही कहा था कि लूटा गया सारा माल भी वह बिकवा देगा।

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तीन बदमाशों की ही मिली क्राइम हिस्ट्री

पुलिस ने मंगलवार की रात जिन सात बदमाशों को एनकउंटर और अलग-अलग स्थानों से दबिश देकर गिरप्तार किया है, उनमें से अभी तक तीन बदमाशों की ही क्राइम हिस्ट्री बता पायी है।

1-पुनीत सोनी-

पुनीत सोनी मानधाता थाना क्षेत्र के बलिकरनगंज का रहने वाला है। इसके पिता का नाम बनवारी लाल सोनी है। इस पर अवैध असलहा रखने, मादक पदार्थ बेचने, जालसाजी व चोरी जैसे चार मामले मानधाता थाने में पहले से दर्ज हैं।

2- नसीम

शातिर बदमाश नसीम सदर कोतवाली क्षेत्र के सरायलोहंगरात गांव का रहै। इसके पिता का नाम जफरुल है। इस पर हत्या के प्रयास, गैंगस्टर समेत अपराधिक कृत्य के छह मुकदमे जेठवारा थाने में पहले से दर्ज हैं।

3-फरमान

बदमाश फरमान जेठवारा थाना क्षेत्र के शेखपुरबनी गांव का है। इसके पिता का नाम सिराज है। इसका भी आपराधिक इतिहास है। इस पर हत्या के प्रयास समेत कई मामले जेठवारा थाने में पहले से दर्ज हैं।

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इस टीम ने किया पर्दाफाश

निरीक्षक संजय कुमार यादव, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर कमलेश कुमार, थानाध्यक्ष जेठवारा संजय पांडेय, चौकी इंचार्ज मकंद्रूगंज विवेक मिश्रा, दारोगा खालिक नजीर, अनिल कुमार पांडेय, मिथलेश चौरसिया, शनि कुमार। सुनील यादव सर्विलांस प्रभारी आदि टीम में शामिल रहे।

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गोल्ड व सिल्वर के लिए संस्तुति

एडीजी ने गुड वर्क करने वाली पुलिस टीम में से कुछ कर्मियों को डीजी कमंडेशन डिस्क प्रदान करने की संस्तुति भेजी है। इनमें से दो को गोल्ड डिस्क व चार को सिल्वर डिस्क के लिए पत्र लिखा है।


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