जिला अस्पताल की 10 संविदा नर्सो को नोटिस
प्रतापगढ़ जिला चिकित्सालय में आउटसोर्सिग के तहत तैनात 10 स्टाफ नर्सों को अस्पताल प्रशासन ने नो
प्रतापगढ़ : जिला चिकित्सालय में आउटसोर्सिग के तहत तैनात 10 स्टाफ नर्सों को अस्पताल प्रशासन ने नोटिस जारी कर दी। बाद में कार्य प्रभावित होने की आशंका पैदा हुई तो आनन-फानन में नोटिस निरस्त कर दी गई।
अस्पताल में स्थायी नर्सो की कमी है। 190 बेड के इस जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो वार्ड पर एक नर्स का औसत है, जबकि मानक छह बेड पर एक का है। ऐसे में यह कमी पूरी करने को शासन के निर्देश पर पूरे प्रदेश में अवनि नामक एजेंसी के जरिए संविदा पर नर्सों को भर्ती किया गया है। इस बीच एजेंसी के हवाले से अस्पताल प्रशासन ने जिला अस्पताल की ऐसी 10 स्टाफ नर्सों को हटाने का फरमान सुना दिया। नोटिस पाकर नर्सों में रोष पनप गया। वह सीएमएस व सीएमओ के दफ्तर पर प्रदर्शन की तैयारी करने लगीं। इससे कार्य पर असर पड़ने की आशंका में नोटिस को निरस्त कर दिया गया। नर्सों को इस बात का मलाल है कि सीएमओ और जिला महिला अस्पताल में कार्यरत संविदा स्टाफ नर्स से काम लिया जा रहा है। इसी विधा से रखे गए वार्ड ब्वाय और अन्य कर्मचारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनसे कार्य लिया जा रहा है। इनकी तैनाती में अपनों को लाभ देने का आरोप भी चर्चा में आया था। एक लिपिक पर गंभीर आरोप लगे थे। इस पूरे प्रकरण पर सीएमएस डा. योगेंद्र यति ने बताया कि जब तक शासन स्थाई नर्सों को तैनात नहीं करता, इनसे काम लिया जाएगा। यही शर्त उनकी नियुक्ति में भी है, जो उनको भी पता है। किसी को सेवा से जबरन नहीं निकाला जाएगा। जो शासन का निर्देश होगा, वैसा किया जाएगा।