सूरत, पुणे जाने को नहीं चल सकी कोई ट्रेन
उद्योग विहीन बेल्हा का रोना रोने वाले जनप्रतिनिधि इस समस्या को दूर करने के प्रति सजग नहीं दिखते। वह यहां पर न तो रोजगार के साधन ला पा रहे हैं न दूसरे शहर जाने को ट्रेन चलवा पा रहे हैं। जिले से सूरत पुणे जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं चलती।
जासं, प्रतापगढ़ : उद्योग विहीन बेल्हा का रोना रोने वाले जनप्रतिनिधि इस समस्या को दूर करने के प्रति सजग नहीं दिखते। वह यहां पर न तो रोजगार के साधन ला पा रहे हैं, न दूसरे शहर जाने को ट्रेन चलवा पा रहे हैं। जिले से सूरत, पुणे जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं चलती।
रोजी-रोटी की तलाश में जिले के हजारों लोग सूरत जाते हैं। वहां पर धागा व कपड़ा मिलों में उनको आसानी से काम मिल जाता है। मजदूर वर्ग के लोगों को सूरत व पुणे में अधिक उम्मीदें भी रहती हैं। इसको ऐसे भी समझा जाता है कि पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ तो 22 श्रमिक स्पेशल ट्रेन सूरत से प्रतापगढ़ के कामगारों को लेकर आईं। इसके बाद भी जिले से वहां पर पहुंचने के लिए उनको ट्रेन की सुविधा नहीं है। मुंबई के लिए भी महज एक ट्रेन उद्योगनगरी ही चल सकी है। यह भी रात में एक बजकर पचास मिनट पर यानि अटपटे वक्त पर जाती है। इसके अलावा साकेत एक्सप्रेस का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका। वह कोरोना काल से ही बंद है। सूरत जाने के लिए प्रयागराज या लखनऊ से ट्रेन मिल पाती है।वहां से भी भारी भीड़ के चलते लोगों का सफर कांटों भरा होता है। सूरत के धागा मिल में काम करने वाले प्रतापगढ़ के रहने वाले उमेश चंद्र, होटल पर काम करने वाले सूर्य प्रताप सिंह, रमेश पटेल, शशिधर पांडेय का कहना है कि सूरत के लिए ट्रेक का न होता बहुत मुश्किलें पैदा करता है। इस बारे में स्टेशन अधीक्षक त्रिभुवन मिश्र का कहना है कि इस बारे में विभाग को एडवाइजरी भेजी जा चुकी है। लोगों की समस्या को देखते हुए रिमाइंडर भेजा जाएगा।