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एनएमसी ने दिए शुभ संकेत, सज रहा मेडिकल कालेज

प्रतापगढ़। नेशनल मेडिकल कालेज (एनएमसी) ने प्रतापगढ़ में बने डा. सोनेलाल राजकीय मेडिकल काले

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 12:16 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 12:16 AM (IST)
एनएमसी ने दिए शुभ संकेत, सज रहा मेडिकल कालेज
एनएमसी ने दिए शुभ संकेत, सज रहा मेडिकल कालेज

प्रतापगढ़। नेशनल मेडिकल कालेज (एनएमसी) ने प्रतापगढ़ में बने डा. सोनेलाल राजकीय मेडिकल कालेज की तैयारी पर संतोष जताया है। बुधवार को भेजी गई अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एनएमसी ने इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी हद मानक पर मानकर शुभ संकेत दिए हैं कि अब यहां बहुत जल्द डाक्टरी की पढ़ाई शुरू होगी। रिपोर्ट आते ही रही-सही कमियों को पूरा करके कालेज को सुविधाओं से सजाने का कार्य तेज हो गया है।

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शहर से करीब पांच किमी दूर तक पूरे केशवराय गांव में इस बड़ी सौगात ने आकार लिया है। इस पर 213 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। कालेज व अस्पताल एक ही जगह बनते, पर जरूरतभर की 13 एकड़ जमीन एक साथ नहीं मिल सकी। ऐसे में जिला अस्पताल को ही मेडिकल कालेज का अस्पताल बनाया जा रहा है। एकेडमिक हिस्सा पूरे केशवराय में बन गया है। यही नहीं कालेज में जेआर के साथ असिस्टेंट प्रोफ्रेसर और प्रोफेसर की तैनाती हो चुकी है। मेडिकल कालेज के संचालन के लिए एनएमसी की अनुमति जरूरी थी। इस वजह से मेडिकल कालेज का उद्घाटन भी कई बार टला। बीते महीने दिल्ली से आई एनएमसी की टीम ने मेडिकल कालेज का बारीकी से निरीक्षण किया था। टीम के सदस्यों ने दो दिन तक रुककर जरूरी उपकरणों की उपलब्धता, लैब, लाइब्रेरी, क्लासरूम, सुरक्षा उपकरण, मेस, आवास व मार्ग समेत मानक परखे थे।

कैंपस के बाद वह लोग अस्पताल में घूमकर ओपीडी और वार्ड का भी जायजा लिए थे। उसी समय टीम ने तैयारी को काफी हद तक मानक पर पाया था। इधर एनएमसी ने जो रिपोर्ट दी है, वह उत्साह बढ़ाने वाली है। उम्मीदों को पंख लगाने वाली है। टीम ने सब ठीक बताया है। केवल लाइब्रेरी व मैन पावर की कमी समेत कुछ मानकों को अधूरा बताया है। इसे पूरा करने को कहा है। रिपोर्ट आने पर मेडिकल कालेज प्रशासन खुश हो गया है। अब यहां पर 100 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने में बहुत देर नहीं है। यहां पर 22 विभाग स्वीकृत किए गए हैं।

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मेडिकल कालेज के लिए एनएमएसी की प्रारंभिक रिपोर्ट संतोषजनक रही है। जो मामूली कमियां बताई गईं हैं, उनमें से अधिकांश को सुधार लिया गया है। सभी जरूरी उपकरण खरीदे जा रहे हैं।

-डा. आर्यदेश दीपक, प्रिसिपल।


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