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कर्मचारी के अभाव में बंद पड़े एनएनएम सेंटर

प्रतापगढ़ : सीएचसी बाबाबेलखर नाथ धाम क्षेत्र के कई एएनएम सेंटरों पर एएनएम का पद खाली होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:03 PM (IST)
कर्मचारी के अभाव में बंद पड़े एनएनएम सेंटर
कर्मचारी के अभाव में बंद पड़े एनएनएम सेंटर

प्रतापगढ़ : सीएचसी बाबाबेलखर नाथ धाम क्षेत्र के कई एएनएम सेंटरों पर एएनएम का पद खाली होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इससे ग्रामीण बच्चों के टीकाकरण तथा गर्भधात्री महिलाओं को प्रसव तथा उससे संबंधित सलाह के लिए गांव में उपकेंद्र होने पर भी सीएचसी बाबाबेलखर नाथ धाम जाना पड़ता है।

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सीएचसी बाबाबेलखर नाथ धाम के अंतर्गत एएनएम के लिए विभिन्न गांवों तथा दो पीएचसी को मिलाकर 21 पद हैं, लेकिन वर्तमान में यहां 12 एएनएम ही कार्यरत हैं। इससे क्षेत्र के ईशनपुर, गुतौली, राजापुर, सीएचसी, दीवानगंज, दिलीपपुर, तथा दीवानगंज उपकेन्द्र पर जहां एएनएम न होने से यहां ताला लगा रहता है। वहीं क्षेत्र के जय¨सहगढ़, कांधरपुर सहित चार एएनएम सेंटरों पर एलएचबी से काम चलाया जा रहा है। एएनएम सेंटरों पर स्वास्थ्य कर्मियों के न होने से गांव में लाखों की लागत से बनी बिल्डिंग बेकार साबित हो रही है। अराजकतत्वों द्वारा एएनएम सेंटर की बि¨ल्डग की खिड़की आदि तोड़ दिया जा रहा है। जबकि बाबाबेलखर नाथ धाम ब्लाक के अंतर्गत राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. महेंद्र ¨सह स्वतंत्र प्रभार के स्वास्थ्य मंत्री का घर भी हैं। मंत्री के गृह ब्लाक की जब यह स्थित है तो जनपद के अन्य ब्लाक की क्या स्थिति होगी। सीएचसी अधीक्षक विकास दीप पटेल ने बताया कि खाली सेंटरों कैंप लगाकर टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधित कार्य किया जा रहा है। एएनएम से खाली सेंटरों के बारे में विभाग को पत्र लिखा गया है।

सीएमएस ने की चे¨कग, थमाया नोटिस : जिला अस्पताल में कई डाक्टरों द्वारा पाले गए बिचौलिए मरीजों का शोषण कर रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए डाक्टरों को सचेत किया गया है। सीएमएस डा. योगेंद्र यति ने गुरुवार को अस्पताल का निरीक्षण किया। ओपीडी में घूमे और वहां मिले दलालों को फटकार लगाई। साथ ही संबंधित डाक्टरों को नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी डाक्टर बाहरी व्यक्ति को कक्ष में न बैठाएं। उनका कोई सहयोग न लें। अगर ऐसा पाया गया तो उस डाक्टर के खिलाफ शासन को लिखा जाएगा। सीएमएस ने बताया कि सभी को नोटिस जारी कर दिया गया है।

रैबीज का इंजेक्शन खत्म, मुश्किल में मरीज : स्थानीय तहसील में बीते डेढ़ माह से रैबीज का इंजेक्शन नहीं है। तहसील क्षेत्र में प्रतिदिन करीब 10 से 12 लोग रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए सीएचसी आते हैं। ऐसे में इंजेक्शन न मिलने के कारण लोगों को बाहर से खरीदना पड़ता है। जबकि एक इंजेक्शन की कीमत 325 रुपये के करीब है। ऐसे में मरीजों को तीन इंजेक्शन लगवाने के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे है। सीएचसी प्रभारी डा. दिनेश ¨सह का कहना है कि इंजेक्शन जिला मुख्यालय पर ही नही है। इसमें हम लोग क्या कर सकते हैं। इसकी डिमांड की गई है।


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