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ग्रामीण इलाकों में नहीं बजते रात में हूटर

इन दिनों गांवों में रात में पुलिस का हूटर नहीं सुनाई देता है। शहर को छोड़कर ग्रामीण अंचल में पुलिस की प्रभावी गश्त भी नहीं दिखती है। इससे ग्रामीण रात में चोरी सहित अन्य घटनाओं को लेकर सहमे रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 05:21 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 05:24 PM (IST)
ग्रामीण इलाकों में नहीं बजते रात में हूटर
ग्रामीण इलाकों में नहीं बजते रात में हूटर

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़: इन दिनों गांवों में रात में पुलिस का हूटर नहीं सुनाई देता है। शहर को छोड़कर ग्रामीण अंचल में पुलिस की प्रभावी गश्त भी नहीं दिखती है। इससे ग्रामीण रात में चोरी सहित अन्य घटनाओं को लेकर सहमे रहते हैं।

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कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जबसे लॉकडाउन लागू किया गया था, तब से शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक पुलिस की सक्रियता बढ़ गई थी। रात में भी वाहनों की चेकिग और प्रभावी गश्त दिखती थी। लेकिन जब से अनलॉक चल रहा है, तब से शहर को छोड़ दें तो ग्रामीण अंचल में पुलिस की गश्त कुछ कम हो गई है। कुछ दिनों से कस्बों व ग्रामीण अंचल में रात में पुलिस का हूटर नहीं सुनाई पड़ रहा है। अंतू थाना क्षेत्र से सटे अठगवां, अंतू देहात, कल्याणपुर, धौरहरा, गोकुलपुर, किशुनगंज, बाघराय थाना के बारो, तिवारी महमदपुर, देवगलपुर, कमासिन बाजार, त्रिलोकपुर, नारंगपुर, कोहंड़ौर थाना के घनापुर, भुजैनिया, रामापुर, करिस्ता, पड़री सहित अन्य गांवों के ग्रामीण दबी जुबान से बताते हैं कि अब रात में पुलिस का हूटर नहीं सुनाई पड़ता है। यही हाल अन्य थानों के गांवों का भी है।

फिलहाल कोई भी व्यक्ति खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। उन्हें डर है कि पुलिस ने अगर नाम जान लिया तो उन पर शिकंजा कस सकती है। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण कहने लगे कि रात में पुलिस की गश्त न होने से वह चोरी सहित अन्य घटनाओं को लेकर सहमे रहते हैं। कोई भी आहट सुनने पर फौरन पूरा परिवार जाग जाता है। हालांकि पुलिस अफसर रात में प्रभावी गश्त किए जाने का दावा कर रहे हैं। इस जिले में बीते सालों में कच्छा-बनियान गिरोह ने कई ऐसी वारदात की हैं, जिनकी याद आने मात्र से लोग आज भी सिहर उठते हैं। ऐसे में गांव के लोग डर-डर रात बिता रहे हैं।


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