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जीजीआइसी प्रतापगढ़ की बनेगी नई बिल्डिग

प्रतापगढ़ शहर में बालिकाओं के प्रमुख कालेज जीजीआइसी के हालात सुधरने वाले हैं। कालेज क

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 10:06 PM (IST)
जीजीआइसी प्रतापगढ़ की बनेगी नई बिल्डिग
जीजीआइसी प्रतापगढ़ की बनेगी नई बिल्डिग

प्रतापगढ़ : शहर में बालिकाओं के प्रमुख कालेज जीजीआइसी के हालात सुधरने वाले हैं। कालेज की नई बिल्डिग इसी परिसर में बनाई जाएगी। इसके लिए साढ़े छह करोड़ का प्रस्ताव शासन को गया है। बीते दिनों दैनिक जागरण के दफ्तर में आए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती ने भी इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि जल्द ही मु़ख्यमंत्री के जनपद आगमन पर इसकी समयबद्ध घोषणा की जाएगी।

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राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रतापगढ़ जिले का एक गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित राजकीय विद्यालय है। यह जनपद में बेटियों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। विद्यालय की स्थापना वर्ष 1950 में हाईस्कूल स्तर पर शहर के भंगवाचुंगी के इलाके में एक किराए के भवन में हुई थी। कुछ वर्षों बाद सन 1955 में इसे इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त हुई। इसमें कला वर्ग और विज्ञान वर्ग शामिल था। सन 1971 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बेटियों के लिए सरकारी भवन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रतापगढ़ की दो मंजिला शानदार बिल्डिग शहर के कचहरी रोड पर बनवाकर दी गई, लेकिन उस वक्त कि तत्कालीन प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं की सुरक्षा के कारण और वह भवन निर्जन स्थान पर स्थापित होने के साथ भवन के पीछे छात्रों का स्कूल केपी हिदू इंटर कॉलेज होने की वजह से इस बिल्डिग में छात्राओं के साथ जाने से इन्कार कर दिया था। शिक्षा विभाग ने छात्राओं की सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए इसे चौक में स्थापित कर दिया। यहां उस समय राजकीय इंटर कॉलेज चल रहा था। इसकी स्थापना वर्ष 1913 मैं हुई थी। इसी में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के रूप में स्थापित किया और छात्राओं को यहां पर शिफ्ट किया। इसके साथ ही साथ नए भवन में छात्रों को कचहरी रोड पर स्थित भवन में राजकीय इंटर कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया। वर्ष 1971 से आज तक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चौक में स्थित इसी भवन में चल रहा है। यह बिल्डिग काफी पुरानी एवं जर्जर हो चुकी है। इसका पत्थर बिल्डिग में लगा हुआ है। इस वक्त इसको बने हुए 108 वर्ष बीत चुके हैं। कहा जाता है कि पूर्व में यह अंग्रेजों का कोर्ट रूम हुआ करता था। यह विद्यालय प्रारंभ से ही दो पालियों में चल रहा है। भीतर के कई कमरे ऐसे हैं, जहां दिन में भी अंधेरा रहता है। इसके पुनरोद्धार के लिए कई बार प्रस्ताव बने लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ। यहां की प्रधानाचार्य गरिमा श्रीवास्तव बताती हैं कि कालेज के पुनरोद्धार के लिए साढ़े छह करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि जीजीआइसी के पुनरोद्धार के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर कार्य शुरू कराया जाएगा। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह ने बताया कि जीजीआइसी का नया भवन बनाने की समयबद्ध घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ करेंगे।

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इनसेट--

शासन को अवगत कराया गया है कि जीजीआइसी की बिल्डिग सौ वर्ष से अधिक की है। प्रधानमंत्री जन विकास योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक विभाग से इसका आंगणन कराकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह प्रयास किया जा रहा है कि बालिकाएं सुरक्षित ढंग से पढ़ाई कर सकें।

-सर्वदा नंद, डीआइओएस


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