माध्यमिक विद्यालयों में दूध वितरण ठप
संसू, प्रतापगढ़ : मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत प्रत्येक बुधवार को प्राइमरी, जूनियर एवं माध्यमिक विद्यालयों के जूनियर कक्षाओं के बच्चों को तहरी के अलावा दूध दिए जाने का निर्देश है।
संसू, प्रतापगढ़ : मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत प्रत्येक बुधवार को प्राइमरी, जूनियर एवं माध्यमिक विद्यालयों के जूनियर कक्षाओं के बच्चों को तहरी के अलावा दूध दिए जाने का निर्देश है। जागरण की पड़ताल में मालूम हुआ कि बच्चों को दूध नहीं बांटा जा रहा है। बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था ही स्कूल प्रशासन नहीं कर पा रहा है। इससे दूध का वितरण अधिकांश विद्यालयों में ठप है।
प्राइमरी जूनियर के अलावा जिले के आठ राजकीय एवं 78 माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को भोजन देने के प्रावधान है। इन विद्यालयों में कुल 24259 बच्चे मध्याह्न भोजन योजना में पंजीकृत हैं। इनमें से 15388 बच्चों की औसत उपस्थिति रहती है। प्रत्येक बच्चे को .150 लीटर दूध वितरित करने का निर्देश है। शहर के माध्यमिक विद्यालयों में निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन परोसना जागरण पड़ताल में तो पाया गया, लेकिन दूध का वितरण न होना मिला। शहर के जीजीआइसी में इन दिनों अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। यहां की कक्षा छह से आठ तक की कुल 553 छात्राओं को भोजन दिया जा रहा है। परीक्षा के चलते सभी छात्राएं उपस्थित मिलीं। यहां कक्षा छह में 139, कक्षा सात में 152 तथा कक्षा आठ में 162 छात्राएं हैं। प्रधानाचार्य गरिमा श्रीवास्तव ने बताया कि सप्ताह में बुधवार के दिन तहरी तो बनती है लेकिन दूध की व्यवस्था नहीं हो पाती। कोई भी दूध वाला एक दिन के लिए दूध देने को तैयार नहीं है और बाजार का दूध शुद्ध नहीं होता। इस कारण दूध का वितरण नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा निर्धारित मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जा रहा है। शहर के अबुल कलाम इंटर कालेज में भी परीक्षाएं चलती मिलीं। यहां मध्याह्न भोजन योजना में 226 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 123 बच्चों ने भोजन किया। कालेज के प्रधानाचार्य आजाद अहमद ने बताया कि शहर के कुछ बच्चे स्कूल में भोजन करना पसंद नहीं करते। बाकी के लिए निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन बनवाया जाता है। तिलक इंटर कालेज में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की संख्या मात्र 26 है। इन्हीं बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन भी बनता है। प्रधानाचार्य निशाकांत ओझा ने बताया कि बच्चों का भोजन वह अपने कार्यालय के सामने स्थित कमरे में बनवाते हैं।
बीएसए अशोक कुमार सिंह का कहना है कि प्रत्येक बुधवार को मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों को दूध वितरित करने का निर्देश है। इसके लिए कोई अलग से पैसा नहीं दिया जाता है। दी जाने वाली कनवर्जन कास्ट से ही दूध खरीद कर बच्चों को वितरित करने का निर्देश है। यदि किसी विद्यालय में दूध न वितरित करने की शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी।