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अटल की यादों में खोया बेल्हा, संवेदना की लहर

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा को बेल्हा के लोग टीवी पर विभिन्न चैनलों को देखने दिनभर जुटे रहे। हर ओर संवेदना की लहर दिखी। शोक सभाएं हुर्ई और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 11:33 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 11:33 PM (IST)
अटल की यादों में खोया बेल्हा, संवेदना की लहर
अटल की यादों में खोया बेल्हा, संवेदना की लहर

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादों में दूसरे दिन भी बेल्हा खोया रहा। लोग उनकी अंतिम यात्रा को टीवी पर देखकर श्रद्धाजलि देते रहे। कई जगह शोकसभा हुई और उनके महान व्यक्तित्व की चर्चा हुई। कोई उनके राजनीतिक कद की बात कर रहा था तो कोई प्रखर वक्ता के तौर पर याद कर भावुक हो रहा था। कोई उनके जोशीले कवि रूप का कायल था और उनकी कविताओं को मंद स्वर में गुनगुना रहा था। हर तरफ उनके प्रति अलग तरह का लगाव दिखा। हर कोई उनके निधन पर गमगीन दिखा।

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याद आता है अटल जी का वह प्रेम

चिलबिला उस दौरान जनसंघ का गढ़ हुआ करता था। बात 1971 की है, जब चुनावी सिलसिले में अटल जी प्रतापगढ़ आए थे। चिलबिला के पुराने जनसंघी स्व. बद्री प्रसाद गुप्ता के घर भोजन किए थे। यहा पर उस समय के संघ के प्रातीय सदस्य लखन लाल चौरसिया, राम मूर्ति त्रिपाठी आदि से मंत्रणा की थी। उसी परिवार के घनश्याम दास गुप्ता से चर्चा हुई तो वह पुरानी यादों में खो गए। उनके भतीजे भाजयुमो नेता रवि गुप्ता बताते हैं कि जब अटल जी उनके घर आए थे, तब वह पैदा नहीं हुए थे, लेकिन बाद में बाबा ने सब बताया तो अपने परिवार पर गौरव महसूस हुआ। मेरे बड़े पिताजी बताते हैं कि अटल जी कार्यकर्ताओं को बहुत सम्मान व प्रेम देते थे। वह बात कभी नहीं भूलती जब उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ता संगठन की आत्मा होता है।

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मुझे बुलाता है आप सबका लगाव

लंबे समय से संघ से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता राम मूर्ति त्रिपाठी भी अटल जी के कायल हैं। बात चली तो उन्होंने उनके संस्मरण सुनाए। लखन लाल के यहा 1962 में इनकी मुलाकात अटल जी से हुई थी। वहा जिन 11 लोगों ने वाजपेयी जी के साथ भोजन किया था उनमें राममूर्ति भी थे। जब भोजन करके अटल जी जाने लगे थे तो उनका तौलिया छूट गया था। आधे रास्ते से उनको लौटने की बात कही गई तो उनका जवाब था.आप सबके स्नेह और लगाव के कारण आता हूं। चिंदी यानी तौलिया जैसी छोटी चीज के लिए नहीं लौट सकता।

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अधिवक्ताओं ने चढ़ाए फूल

कचहरी में संकट मोचन धाम पर श्रद्धाजलि सभा में अधिवक्ताओं ने पुष्पाजलि अर्पित की। अटल जी का चित्र रखकर श्रद्धाजलि देते हुए आल इंडिया रूलर्स बार के प्रातीय अध्यक्ष मुक्कू ओझा ने कहा कि अटल जी कभी भुलाए नहीं जा सकते। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष रोहित शुक्ल, पूर्व महामंत्री जय प्रकाश मिश्र, विवेक त्रिपाठी, अंजनी सिंह, विनोद गुप्ता, अमित सिंह, आसिफ सिद्दीकी, भारत भूषण तिवारी, सीताराम, राघवेंद्र नाथ शुक्ल, परमजीत सिंह संधू व प्रवीण चतुर्वेदी आदि ने भी श्रद्धाजलि अर्पित की। सदर विधायक संगमलाल गुप्ता ने अपने कार्यालय पर शोक सभा की और दो मिनट का मौन रखा। इस दौरान अनूप गुप्ता, कुशाग श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष आजाद अली पप्पू ने भी शोक व्यक्त किया है।


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