रथ पर विराजे भगवान श्रीराम, दर्शन कर लिया आशीर्वाद
भगवान श्रीराम लीला समित की ओर से सातवें दिन यानि शनिवार को राम वन गमन एवं खरदूषण वध की झांकी शहर में निकाली गई। प्रभु श्रीराम माता सीता भ्राता लक्ष्मण मुनि के वेश धारण कर वन की ओर प्रस्थान किए।
संसू, प्रतापगढ़ : भगवान श्रीराम लीला समित की ओर से सातवें दिन यानि शनिवार को राम वन गमन एवं खरदूषण वध की झांकी शहर में निकाली गई। प्रभु श्रीराम माता सीता, भ्राता लक्ष्मण मुनि के वेश धारण कर वन की ओर प्रस्थान किए। भगवान के जाने के बाद अयोध्या में शोक छा गया। नगर के सीमा पर पहुंचे दोनों राजकुमारों व सुकुमारी जानकी जी को राजा के वचन सुनाए और रथ पर सवार हुए। इसके बाद वह श्रृंगवेरपुर पहुंचे। वहां पर गंगा पूजन करने के बाद गंगा पार कर वन पहुंचे। वन में लंकापति रावण की बहन सूर्पनखा दोनों राजकुमार को देखकर मोहित हो गई और शादी करने का प्रस्ताव रख दिया। प्रभु श्रीराम के बहुत समझाने पर भी जब वह नहीं मानी तो तो लक्ष्मण ने शूर्पनखा की नाक और कान काट दिए। वह रोते हुए अपने भाई रावण के पास पहुंची और सारी बातें बताई। यह सुनकर रावण बहुत क्त्रोधित हुआ और वहां दोनों राजकुमारों को सबक सिखाने के लिए खरदूषण को भेज दिया। मायावी राक्षस ने दोनों राजकुमारों की सेना को भयभीत करने के लिए अपनी माया जाल फैला दिया। जिसे देखकर जानकी जी बहुत आश्चर्यचकित हो गईं। कितु लक्ष्मण को अंत कर दिया। शोभायात्रा में समित के अध्यक्ष श्याम शंकर सिंह, मंत्री विपिन गुप्ता, संजय खंडेलवाल, शीतला प्रसाद, राजेश सोनी, रोशन लाल ऊमरवैश्य, उमेश खंडेलवाल, दिनेश सिंह दिन्नू, लखन लाल बाबा, प्रदीप केसरवानी, मनीष गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।