नगर में दर्शन देने निकले प्रभु राम, श्रद्धालु गदगद
कोरोना का फैलाव रोकने की चिता व सतर्कता के साथ पट्टी के तीन दिवसीय दशहरा मेले का रविवार को श्रीगणेश हो गया। इस साल मेला नहीं लगाया गया। पूरे भक्ति भाव कितु सादगी से भगवान राम की शोभायात्रा निकाली गई।
पट्टी : कोरोना का फैलाव रोकने की चिता व सतर्कता के साथ पट्टी के तीन दिवसीय दशहरा मेले का रविवार को श्रीगणेश हो गया। इस साल मेला नहीं लगाया गया। पूरे भक्ति भाव, कितु सादगी से भगवान राम की शोभायात्रा निकाली गई।
इस वर्ष यह आयोजन 22, 23 व 24 नवंबर को निर्धारित किया गया। कोविड-19 के चलते मेला का आयोजन समिति द्वारा स्थगित कर दिया गया। पहले दिन शोभा यात्रा नगर के चमन चौक से निकाली गई। इसमें सबसे आगे भगवान राम का रथ चल रहा था। उसके पीछे पवन पुत्र हनुमान व सबसे पीछे मां सीता का रथ था। श्रीराम लीला समिति के अध्यक्ष जुग्गी लाल जायसवाल ने भगवान राम की आरती उतारी तो नगर जयकारे से गूंजने लगा। शोभायात्रा ढकवा मोड़ चौराहे पर पहुंची, वहां से बाईपास होकर पुन: सिविल लाइन की ओर जाते हुए मेला गेट से मेला ग्राउंड में प्रवेश कर वहां पर कुछ देर तक राम रावण का युद्ध हुआ। इसके बाद घमंडी रावण का दहन हो गया। शोभायात्रा में नगर पंचायत अध्यक्ष खेदन लाल जायसवाल, प्रबंधक सुरेश जायसवाल, महामंत्री अशोक श्रीवास्तव, अवधेश सिंह, रमेश सोनी, प्रमोद खंडेलवाल, रमेश बरनवाल, बृजेश सिंह, राम चरित्र वर्मा, रामचंद्र जायसवाल, राम प्रकाश जायसवाल, सुशील सिंह, पंकज सिंह राजू व दिनेश सिंह सहित मौजूद रहे। कोतवाल नरेंद्र सिंह व एसआइ धर्मेंद्र सिंह पूरी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
परमात्मा को प्राप्त करने से ही होगा कल्याण
संसू, पट्टी : नगर के सिविल लाइन में सिचाई विभाग के परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक राम वल्लभाचार्य महाराज ने भगवान की कथा सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। अयोध्या से पधारे कथा वाचक ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। परमात्मा को प्राप्त करने से ही कल्याण होगा। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता। इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। आशा देवी, कल्लू रामदास, शीला देवी, मंजू देवी, मिथिलेश सोनी, राजेश सोनी, अरविद सोनी सहित अन्य भक्त मौजूद रहे।