अपने भक्त का अनादर सहन नहीं करते प्रभु
जासं प्रतापगढ़ छत्तीसगढ़ के रायपुर के कथा वाचक महंत गोपाल शरण देवाचार्य ने कहा कि भगवान अपने भक्तों का अनादर सहन नहीं करते हैं।
जासं, प्रतापगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायपुर के कथा वाचक महंत गोपाल शरण देवाचार्य ने कहा कि भागवत में भी राम चरित का वर्णन किया गया है। भगवान के 24 अवतार हैं और सभी वंदनीय है। कितु मानव चरित्र से ज्यादा जुड़े हुए दो ही अवतार राम और कृष्ण के हैं। इन दोनों में कोई अंतर नहीं है। राम ने जीवन में जो किया है उसे करो, और कृष्ण ने जो कहा है उसे अपने जीवन में उतारो तभी कल्याण है। भगवान कहते हैं मैं तो भक्तों के अधीन हूं ,जो भक्त चाहता है वही मैं करता हूं। मेरे भक्त का अपमान करने वाला मेरा प्रिय नहीं हो सकता। भले ही वह मेरी कितनी भी पूजा करे। महकनी ग्राम में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रवचन करते हुए महंत देवाचार्य ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम साक्षात धर्म के विग्रह हैं। धर्म की संपूर्ण व्याख्या राम के चरित्र में सम्मिलित है। नारायण की शरण में जो आता है प्रभु उसे अपने वैकुंठ लोक ले जाते हैं। चितन गोविद का करो, चिता संसार की त्यागो। कार्यक्रम में वैष्णव धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय अनिरुद्ध रामानुज दास को सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने पर व्यास पीठ से सम्मानित किया गया। आयोजक राजाराम दुबे, ज्ञानवती देवी, मनीष मिश्रा, रूपेश झा, आलोक अवस्थी, योगेंद्र तिवारी, भाजपा नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी, राम सेवक त्रिपाठी, दीपेश दुबे आदि मौजूद रहे। कृष्ण जन्म के प्रसंग को झांकी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।