Move to Jagran APP

शराब माफिया के समर्थकों ने पुलिस से की झड़प, हंगामा

प्रतापगढ़/बाबागंज। प्रमुख शराब माफिया को रिमांड पर ले जाते समय साथ चल रहे समर्थकों ने गाड़ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 12:15 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 12:15 AM (IST)
शराब माफिया के समर्थकों ने पुलिस से की झड़प, हंगामा
शराब माफिया के समर्थकों ने पुलिस से की झड़प, हंगामा

प्रतापगढ़/बाबागंज। प्रमुख शराब माफिया को रिमांड पर ले जाते समय साथ चल रहे समर्थकों ने गाड़ियों को रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प की। जमकर हंगामा हुआ। इससे पुलिस बैकफुट पर दिखी और गाड़ियों की तलाशी की खानापूर्ति करके समर्थकों को आगे जाने दिया। जिले के हथिगवां व कुंडा कोतवाली क्षेत्र में अप्रैल महीने में करोड़ों रुपये की अवैध शराब पुलिस ने बरामद की थी। इस अवैध कारोबार में मुख्य शराब माफिया संजय सिंह गुड्डू निवासी बलीपुर थाना हथिगवां, सुधाकर सिंह निवासी पुरमई सुल्तानपुर थाना महेशगंज, अनूप सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख पंकज सिंह सहित 66 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। चार महीने से फरार चल रहे एक लाख रुपये के इनामी सुधाकर सिंह को सात सितंबर को एसटीएफ लखनऊ ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था। इस बीच हथिगवां पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने सुधाकर सिंह को शनिवार को 12 घंटे के रिमांड पर दिया था। जेल से सुधाकर को लेकर हथिगवां पुलिस थाने जा रही थी। सुधाकर के पीछे आधा दर्जन गाड़ियों के साथ उसके समर्थक चल रहे थे। इस पर हथिगवां एसओ ने एएसपी पश्चिमी को फोन कर दिया। एएसपी के निर्देश पर जेठवारा बाजार के पहले एसओ ने बैरियर लगाकर समर्थकों को रोक दिया। दस मिनट बाद जब सुधाकर को लेकर पुलिस काफी दूर निकल गई तो फिर समर्थकों को आगे जाने दिया गया। इसके बाद महेशगंज थाने के सामने पुलिस ने सड़क पर ट्रक आड़ा तिरछा खड़ाकर सुधाकर के समर्थकों की गाड़ियों को फिर रोक दिया। इस पर समर्थक पुलिस से झड़प करने लगे कि उनके वाहनों को कैसे रोक सकते हैं। जमकर हंगामा हुआ। समर्थकों की तीखी झड़प के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई और गाड़ियों की तलाशी लेने के बाद उन्हें आगे जाने दिया। ---

loksabha election banner

..फिर भी नहीं चेती पुलिस दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को वकील की वर्दी में घुसे बदमाशों ने गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी को गोलियों से भून दिया था। बाद में पुलिस ने मुठभेड़ में दोनों बदमाशों को मार गिराया था। इस घटना के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। इस घटना के बाद भी पुलिस नहीं चेती और सुधाकर के समर्थकों को जेल पर ही रोकने का प्रयास नहीं किया गया। यही वजह है कि मनबढ़ समर्थक पुलिस से झड़प करते हुए अपने मंसूबे में कामयाब रहे और हथिगवां थाने तक पहुंच गए। जिस तरह सुधाकर के पीछे-पीछे समर्थक चल रहे थे, उससे इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि समर्थकों की भीड़ में सुधाकर के विरोधी भी शामिल हो सकते थे और जो किसी घटना को अंजाम देने का प्रयास कर सकते थे। यह पुलिस का संयोग ही अच्छा रहा कि समर्थकों की भीड़ में सुधाकर का कोई विरोधी शामिल नहीं था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.