लाठी-डंडे से गला दबने से हुई थी तेंदुए की मौत
प्रतापगढ़ : अचानक जाल में आ फंसे तेंदुए को बेरहम शिकारियों ने गला दबाकर मार डाला था। ल
प्रतापगढ़ : अचानक जाल में आ फंसे तेंदुए को बेरहम शिकारियों ने गला दबाकर मार डाला था। लाठी-डंडे से उसका गला ऐसे कसा कि उसकी जीभ बाहर आ गई और वह फुर्तीला ताकती जानवर बेमौत मारा गया। पीटने से चोट भी उसकी मौत में सहायक बनी। यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है।
मानधाता के कुशफरा व संसारपुर जंगल में देवीदास का पुरवा बकुलाही नदी के किनारे शिकारियों ने जाल लगाया था। उसमें आ फंसे तेंदुए को मौत के घाट उतारने वालों की पहचान की जा रही है। वन विभाग ने नियमानुसार इस मामले को अपने विभाग में बतौर रिपोर्ट दर्ज कर लिया है। उसके शव का रविवार को पशु अस्पताल अजीत नगर में पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें उसके गल की नसें दबने व फटने से मौत की बात सामने आई। पोस्टमार्टम तीन डाक्टरों के पैनल ने किया। इस दौरान वन संरक्षक प्रयागराज मंडल डा. राजीव मिश्र, डीएफओ बीआर अहिरवार के साथ ही रेंजर शिव शंकर ¨सह, वन दारोगा आशीष ¨सह, लल्लन ¨सह, पर्यावरण ¨चतक राजेश प्रभाकर ¨सह, अजय क्रांतिकारी आदि मौजूद रहे। इनकी देखरेख में तेंदुए के शव को चिता सजाकर सई नदी के किनारे चिलबिला में शाम को जला दिया गया। तेंदुआ संरक्षित वन्य जीव है, ऐसे में उसकी मौत की छानबीन वन्य जीव विशेषज्ञ द्वारा की जाएगी, दूसरे मंडल के होंगे। उनको वीडियो क्लिप व फोटो दी जाएगी। कुछ ग्रामीणों के बयान भी लिए गए हैं।
नर था जानवर : मारा गया तेंदुआ आठ साल का नर था। अब यह आशंका जाहिर की जा रही है कि मादा हमलावर हो सकती है, क्योंकि यह अक्सर जोड़े से ही रहती है। डीएफओ बीआर अहिरवार का कहना है कि संसारपुर व आसपास विभाग की टीम कां¨बग करेगी।
बंगाली शिकारी फरार : संसारपुर के जंगल में बंगाली शिकारी अक्सर आते हैं। यह जंगली जानवर को पकड़ने के लिए जाल बिछाते हैं। हालांकि यह बात मानने को वन विभाग व पुलिस दोनों तैयार नहीं हैं। वह इसे ग्रामीणों की करतूत मान रहे हैं, जबकि जिस तरह से सधे तरीके से तेंदुए को काबू में किया गया, उसे मारा गया वह निरीह गांव वालों के वश की बात नहीं लगती। बंगाली शिकारी फरार हो गए हैं। उधर एसओ मानधाता अर्जुन ¨सह ने बताया कि वन विभाग का पूरा सहयोग किया जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर संसारपुर व देवीदास का पुरवा जंगल में दबिश दी गई है।