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श्रमिकों का अभाव, 700 मीट्रिक टन गेहूं के उतार पर संकट

इस बार गेहूं खरीद से लेकर व उसके उतार में तरह-तरह की अड़चनें आ रही हैं। एक ओर जहां कोरोना के चलते क्रय केंद्रों पर किसान कम दिख रहे हैं वहीं दूसरी ओर एफसीआइ में श्रमिकों के अभाव के चलते तीन दिन पहले से ट्रक पर लदे गेहूं का उतार नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर आए दिन ट्रक चालक व कर्मचारियों में झड़प हो रही है। इस मामले की शिकायत डिप्टी आरएमओ व एडीएम के पास पहुंची है। हालांकि श्रमिकों के अभाव के चलते गेहूं का उतार न होने की बात सामने आ रही है। एफसीआइ के सामने खड़े ट्रक से गेहूं कब उतरेगा यह अभी तक क्लीयर नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 11:37 PM (IST)
श्रमिकों का अभाव, 700 मीट्रिक टन गेहूं के उतार पर संकट

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : इस बार गेहूं खरीद से लेकर व उसके उतार में तरह-तरह की अड़चनें आ रही हैं। एक ओर जहां कोरोना के चलते क्रय केंद्रों पर किसान कम दिख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एफसीआइ में श्रमिकों के अभाव के चलते तीन दिन पहले से ट्रक पर लदे गेहूं का उतार नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर आए दिन ट्रक चालक व कर्मचारियों में झड़प हो रही है। इस मामले की शिकायत डिप्टी आरएमओ व एडीएम के पास पहुंची है। हालांकि श्रमिकों के अभाव के चलते गेहूं का उतार न होने की बात सामने आ रही है। एफसीआइ के सामने खड़े ट्रक से गेहूं कब उतरेगा, यह अभी तक क्लीयर नहीं हो पाया है।

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एक अप्रैल से जिले में गेहूं की खरीद शुरू है। गेहूं खरीद करने के लिए करीब 52 क्रय केंद्र खोले गए हैं। खाद्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो एक अप्रैल से दो मई तक के बीच साढ़े पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। क्रय केंद्रों पर डंप गेहूं के उठान के लिए अफसरों पर दबाव है। हालांकि तीन दिन पहले क्रय केंद्रों से करीब दो दर्जन ट्रकों पर 700 मीट्रिक टन गेहूं लादकर महुली स्थित एफसीआइ में उतारने के लिए भेजा गया। जब गेहूं लेकर ट्रक लेकर चालक गेट पर पहुंचे तो पता चला कि श्रमिक नहीं हैं। श्रमिकों की व्यवस्था होने के बाद ही गेहूं का उतार होगा। श्रमिकों के आने के इंतजार में पिछले तीन दिनों से चालक ट्रक लेकर खड़े हैं। इससे जहां चालकों का समय बर्बाद हो रहा है, वहीं केंद्रों पर गेहूं का उठान भी प्रभावित हो रहा है। डिप्टी आरएमओ अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि श्रमिकों के न होने से गेहूं का उतार नहीं हो पा रहा है। इससे काफी दिक्कतें हो रही हैं। एफसीआइ के भंडार अधीक्षक देशराज सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते श्रमिक नहीं आ रहे हैं। वहीं कई श्रमिक मतदान करने की बात कहकर यहां से गए, लेकिन अभी तक वह लौट नहीं। श्रमिकों की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही गेहूं का उतार शुरू हो जाएगा।

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क्रय केंद्रों पर डंप हुआ गेहूं

श्रमिकों के अभाव में जहां गेहूं का उतार नहीं हो पा रहा है, वहीं इसका असर क्रय केंद्रों पर भी पड़ रहा है। केंद्रों पर किसानों का गेहूं खरीद कर उसे डंप कर लिया गया है, लेकिन ट्रकों के अभाव में गेहूं का उठान ठप है। इससे अब केंद्र प्रभारी गेहूं लेने से कतरा रहे हैं। समस्या यह है कि अगर गेहूं खरीद भी लेंगे तो उसे रखेंगे कहां।

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रिमझिम बारिश से भीगा गेहूं

क्रय केंद्रों पर भारी मात्रा में गेहूं डंप है। सोमवार को दोपहर 12 बजे अचानक रिमझिम फुहारे से गेहूं भीग गया। हालांकि रिमझिम बारिश शुरू होते ही कर्मी पॉलीथिन से गेहूं को ढक दिए। वहीं एफसीआइ के सामने खड़े ट्रक में भी रखी गई गेहूं की बोरियां भी पानी से भीग गईं।


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