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बीएलओ की कमी, बहानेबाजों पर सख्ती

प्रतापगढ़ विधान सभा का चुनाव नजदीक है। निर्वाचन आयोग तैयारियां कर रहा है। उसकी सख्ती का

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 10:52 PM (IST)
बीएलओ की कमी, बहानेबाजों पर सख्ती

प्रतापगढ़ : विधान सभा का चुनाव नजदीक है। निर्वाचन आयोग तैयारियां कर रहा है। उसकी सख्ती का असर स्थानीय स्तर पर देखा जा रहा है। बीएलओ की कमी से प्रशासन के सामने मुश्किल आ गई है। ऐसे में ड्यूटी न करने के प्रार्थना पत्रों को सिरे से खारिज किया जा रहा है।

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मतदाता सूची में नाम बढ़ाने-घटाने का काम बीएलओ यानि बूथ लेवल अफसर करते हैं। इसमें प्राइमरी के टीचर, शिक्षा मित्र आम तौर पर रखे जाते थे। इनके कम पड़ने पर सफाई कर्मी भी बीएलओ बनाए जाने लगे। इसके बाद भी पर्याप्त बीएलओ नहीं हैं। इससे निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन कराने में मुश्किल हो रही है। बानगी के तौर पर लें तो सदर विधानसभा में ही 100 बीएलओ कम हैं। ऐसे ही कुछ न कुछ कमी हर तहसील में है। ऐसे में प्रशासन तनाव में कि कमी को पूरा कैसे किया जाए। इन दिनों चुनाव को नजदीक देख वर्क लोड बढ़ने पर कई बीएलओ बीमारी व अंग्रेजी का ज्ञान न होने की बात लिखकर प्रार्थना पत्र दे रहे हैं। बीएलओ की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं, पर इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

..तो क्या करें हम

सदर तहसील में बैठे एसडीएम मोहन लाल गुप्ता के पास गड़वारा में तैनात एक बीएलओ आया। वह सफाईकर्मी था। अपने को इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की गुहार लगाई। एसडीएम ने कारण पूछा तो बताया कि मोबाइल पर डाटा फीड करना वह नहीं जानता। ऐसे में कार्य न हो पाने पर वह दंडित हो सकता है। इसलिए मुक्त करें। इस पर एसडीएम का माथा ठनक गया। कहने लगे कि सबके पास एक न एक बहाना है तो क्या पूरा चुनाव हम ही कराएंगे। आयोग सिर पर सवार है और तुम लोग बहाने बना रहे हो, जाओ कोई विचार नहीं होगा।

बीएलओ बनने से बचने के लिए कई शिक्षक व शिक्षामित्र कोर्ट तक की शरण लिए। कुछ को राहत मिली, कुछ को नहीं। अब भी जिले के सैकड़ों वाद दायर हैं। ऐसे में भला सफाई कर्मी क्यों पीछे रहें। वह भी आवाज उठा रहे हैं। कुछ तो संगठन को इसकी बैशाखी बना रहे हैं।

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चुनाव का कार्य अनिवार्य कार्य में आता है। इसमें दी गई जिम्मेदारी को निभाना होगा। इसके लिए सभी को निर्देश दिए गए हैं।

-सुनील शुक्ल, एडीएम

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शिक्षकों, शिक्षामित्रों को बीएलओ बनाने पर कोई रोक नहीं है। प्रशासन ने विभाग से संपर्क किया है। पूरा सहयोग किया जाएगा।

-सुधीर सिंह, प्रभारी बीएसए


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