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खटारा वाहन और तेज रफ्तार ले रही लोगों की जान

खटारा वाहन और वाहनों की तेज रफ्तार आए दिन लोगों की जान ले रही है। यही नहीं हाइवे व नो पार्किग जोन में खड़े वाहनों के साथ ही नशे में गाड़ी चलाना भी हादसे की वजह बन रहा है। शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता होगा जब सड़क हादसे में किसी व्यक्ति की जान नहीं जाती हो। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो हर साल करीब साढ़े पांच सौ सड़क दुर्घटनाएं होती हैं इसमें करीब तीन सौ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 10:18 PM (IST)
खटारा वाहन और तेज रफ्तार ले रही लोगों की जान
खटारा वाहन और तेज रफ्तार ले रही लोगों की जान

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : खटारा वाहन और वाहनों की तेज रफ्तार आए दिन लोगों की जान ले रही है। यही नहीं हाइवे व नो पार्किग जोन में खड़े वाहनों के साथ ही नशे में गाड़ी चलाना भी हादसे की वजह बन रहा है।

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शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता होगा, जब सड़क हादसे में किसी व्यक्ति की जान नहीं जाती हो। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो हर साल करीब साढ़े पांच सौ सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, इसमें करीब तीन सौ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

अमूमन हादसों की वजह को देखा जाए तो अधिकांश हादसे वाहनों की तेज रफ्तार, गलत ढंग से गाड़ी चलाने और शराब का सेवन करके गाड़ी चलाने से होते हैं। दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों, बसों, ट्रकों और मालवाहक वाहनों के चालक निर्धारित गति सीमा से डेढ़ से दो गुना तक तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं। जब अचानक कोई वाहन सामने आ जाता है तो चालक अपनी गाड़ी से नियंत्रण खो बैठते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।

इसके अलावा नो पार्किग जोन और हाईवे के किनारे वाहनों के खड़े होने से भी आए दिन हादसे होते हैं। अभी चार दिन पहले मानिकपुर इलाके में हाईवे के किनारे खड़े ट्रक के पीछे बोलेरो घुसने से 14 बरातियों की मौत हो गई थी। यही नहीं जर्जर सड़कें और ओवरलोडेड वाहन भी आए दिन हादसे की वजह बनते हैं।

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--वाहनों की तेज रफ्तार और यातायात नियमों के उल्लंघन से सड़क हादसे होते हैं। इसलिए यातायात नियमों का पालन करने के लिए रोज चेकिग करके हेलमेट न पहनने और सीट बेल्ट न बांधने पर वाहनों का चालान किया जाता है-

अभय पांडेय, सीओ सिटी/ट्रैफिक

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50 हजार वाहनों का हुआ चालान संसू, प्रतापगढ़ : सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस और ट्रैफिक पुलिस रोज वाहनों की चेकिग करती है। इस दौरान हेलमेट न पहनने, तेज रफ्तार होने, सीट बेल्ट न बांधने सहित यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस वाहनों का चालान करती है। इस साल पुलिस ने 50023 वाहनों का चालान किया है और उनसे 60 लाख 92 हजार 850 रुपये जुर्माना वसूल किया। ---- ई-चालान से लोगों को लग रहा झटका संसू, प्रतापगढ़ : पहले पुलिस मैन्युअल तरीके से गाड़ियों का चालान करती थी। तब पुलिस पर बहुत दबाव रहता था। जैसे ही पुलिस किसी बाइक सवार या चार पहिया वाहन चालक को रोकती थी, वैसे ही चालान न करने के लिए संबंधित पुलिस कर्मी के पास नेताओं व प्रभावशाली लोगों का फोन घनघनाने लगता था। अब पुलिस ई-चालान काट रही है। पुलिस गाड़ी की फोटो खींच लेती हैं और उसका ई चालान कर देती है। लोगों को झटका तब लगता है, जब चालान का मैसेज उनके मोबाइल पर आता है। ई-चालान काटने में पुलिस को काफी सहूलियत हो रही है। ------ तीन सवारी भी हादसे की वजह संसू, प्रतापगढ़ : अक्सर यह देखा जाता है कि युवा पीढ़ी बाइक पर तीन लोगों की सवारी करती है। यहीं नहीं इसके साथ तेज रफ्तार से स्टंट भी करते हैं। आए दिन स्टंट करने के दौरान हादसे होते रहते हैं। तीन लोगों के बैठने से बाइक चलाने वाले का संतुलन नहीं बन पाता है और अचानक सामने से वाहन आ जाने पर वह गाड़ी से नियंत्रण खो बैठता है और हादसे का शिकार हो जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस समय-समय पर चालान करती रहती है। ------ ये भी हादसे के वजह -सड़कों पर यातायात के प्रतीक चिह्न नहीं दिखाई देते। -बैरियर पर लाइट नहीं लगी रहतीं। --वाहनों की टेल लाइट रहती हैं खराब। --जाड़े और बारिश में कई वाहनों के वाइपर नहीं करते काम। --वाहन चालकों के शराब पीने की जांच में होती है लापरवाही। ----- -पैदल चलते समय यह बरतें सावधानी -उतरते समय बस के पूरी तरह रुकने पर ही उतरें। -सड़क पार करते समय दोनों तरफ अवश्य देख लें। -सड़क पार करते समय ईयर फोन का प्रयोग बिल्कुल न करें। -बैरियर या फाटक बंद होने पर कदापि क्रासिग न पार करें। --किसी भी वाहन का दरवाजा दाहिनी तरफ से ना खोला जाए।


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