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किसानों की शहादत को नमन करने आई थीं इंदिरा

रानीगंज प्रतापगढ़ देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यादें प्रतापगढ़ से जुड़ी हैं। उन

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:07 AM (IST)
किसानों की शहादत को नमन करने आई थीं इंदिरा
किसानों की शहादत को नमन करने आई थीं इंदिरा

रानीगंज, प्रतापगढ़ : देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यादें प्रतापगढ़ से जुड़ी हैं। उनका यहां से गहरा लगाव रहा। वह 1973 में प्रधानमंत्री रहते हुए कहला की धरती पर शहीद किसानों को नमन करने आई थीं। उनकी याद में स्मारक व कालेज बनवाने की घोषणा की थी। शहीद स्मारक तो बना, लेकिन कालेज नहीं बन सका। देखा जाए तो देश को आजाद कराने में कहला की धरती का बड़ा ही योगदान था। आजादी की जंग के दौरान बेल्हा के किसानों ने पसीना ही नहीं अपना खून भी बहाया। 1998 में तत्कालीन मंत्री रहे प्रो. शिवाकांत ओझा ने स्मारक का उद्घाटन किया था और शहीदों के नाम पर कहला सीएचसी व सड़क का निर्माण कराया था। यहां पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुलायम सिंह के साथ कई मंत्री भी आ चुके हैं। हालांकि यहां लगा शिलापट्ट व अशोक चक्र टूटा पड़ा है। अब विधायक रानीगंज अभय कुमार धीरज ओझा के प्रयास से कहला के दिन बहुर रहे हैं। वह शहीद स्थल पर सभागार व अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करा चुके हैं।

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सभा पर चलीं थीं गोलियां :

वह समय था 16 फरवरी 1931 का। अंग्रेजी हुकूमत की लगान व्यवस्था के खिलाफ कहला में किसानो की सभा हो रही थी। अंग्रेजी सिपाहियों ने गोलियां चला दीं, जिसमें कहला गांव के माताचरण कुर्मी, कौलापुर गांव के मथुरा प्रसाद यादव, नाथ का पूरा गांव के रामदास उपाध्याय शहीद हो गए थे। सैकड़ों लोग घायल हुए थे।


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