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डकैती के आरोपितों की तलाश में पुलिस ने दी कई जगह दबिश

शहर के टक्करगंज मोहल्ले में स्थित शीतल प्रसाद कन्या विद्यालय को ढहाने के मामले में आरोपितों की तलाश में पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 11:00 PM (IST)
डकैती के आरोपितों की तलाश में पुलिस ने दी कई जगह दबिश

संसू, प्रतापगढ़ : शहर के टक्करगंज मोहल्ले में स्थित शीतल प्रसाद कन्या विद्यालय को ढहाने के मामले में आरोपितों की तलाश में पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश दी। हालांकि किसी को गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिली। इस बीच पुलिस ने शक के आधार पर एक जेसीबी को कब्जे में ले लिया।

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शीतल प्रसाद कन्या विद्यालय के मालिकाना हक को लेकर दो पक्ष में करीब ढाई साल विवाद चल रहा है। साल भर पहले कोर्ट में वाद दायर करने पर एसडीएम सदर ने कन्या विद्यालय को कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। पांच दिन पहले पुलिस मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारी में व्यस्त थी, इस बीच 21 जनवरी को रात में जेसीबी लगाकर कन्या विद्यालय भवन को जमींदोज करा दिया गया। इस मामले में रामनेवाज पाल, सत्य प्रकाश, आनंद केसरवानी की तहरीर पर पुलिस ने एनसीआर दर्ज की थी।

इस मामले ने तूल पकड़ा तो चुंगी चौकी इंचार्ज दिनेश सिंह की तहरीर पर पुलिस ने शेखर सिंह निवासी अचलपुर और पांच-छह अज्ञात के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने दो दिन पहले दबिश देकर सतेंद्र विक्रम सिंह को जेल भेज दिया। पुलिस शेखर सिंह और अन्य आरोपितों की तलाश में अचलपुर, शिवसत सहित संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन किसी आरोपित की गिरफ्तारी में सफलता नहीं मिली।

व्यापारी को मिली सुरक्षा

शीतल प्रसाद कन्या विद्यालय के मालिकाना हक को लेकर व्यापारी आनंद केसरवानी साथियों के साथ करीब दो साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब कन्या विद्यालय का भवन जमींदोज कर दिए जाने के बाद आनंद केसरवानी ने कोतवाली में तहरीर दी है। उन्होंने अपनी जान पर खतरा भी बताया था। इसके मद्देनजर आनंद की सुरक्षा में एक सिपाही को लगा दिया गया है। डीजीपी से की निष्पक्ष जांच की मांग

अचलपुर निवासी शेखर सिंह ने डीजीपी और एसपी को भेजे गए स्पीड पोस्ट में आरोप लगाया है कि उनके विरोधियों ने सत्ता पक्ष के नेताओं से मिलकर उनके खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज करा दिया। उनके बहनोई सतेंद्र विक्रम सिंह एनसीसी में कार्यरत हैं। उनका इस विवाद से कोई सरोकार नहीं है। उन्हें जेल भेज दिया गया। सत्ता पक्ष के इशारे पर कोतवाल उनका और उनके रिश्तेदारों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ऐसे में डकैती के मुकदमे की निष्पक्ष जांच कराई जाए।


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