साढ़े चार घटे तक नहीं उठने दिया दंपती का शव
प्रतापगढ़ में डबल मर्डर ने लोगों को हिलाकर रख दिया। पोस्टमार्टम के बाद लाश जब घर लाई गई तो लोग आक्रोशित हो उठे और दंपती का शव साढ़े चार घटे तक नहीं उठने दिया। बाद में अधिकारियों के आश्वासन पर माने।
प्रतापगढ़ : डबल मर्डर से आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने दंपती का शव साढ़े चार घटे तक नहीं उठने दिया। आरोपितों की गिरफ्तारी, शस्त्र लाइसेंस, 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता व बच्चों को बड़े होने पर सरकारी नौकरी देने की माग कर रहे थे। एएसपी के आश्वासन पर परिजन माने। इसके बाद पैतृक गाव रामपुर प्रान में शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
कुंआ गाव में चाचा हेमंत सिंह के साथ दिनेश सिंह (32) पत्नी प्रीतम (28) बेटों अभिनव व आर्यन के साथ रहते थे। चाचा ने दिनेश को बचपन में ही गोद ले लिया था। दिनेश मुंबई में रहकर टैक्सी चलाते थे। पेशे से अधिवक्ता चाचा हेमंत का घर के बगल की जमीन पर कब्जे को लेकर नागचंद्र मिश्र से विवाद चल रहा था। हफ्ते भर पहले नागचंद्र से वह जमीन सुशील सिंह उर्फ सुरेश ने ले लिया था। जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद होने की जानकारी पर बुधवार को दिनेश मुंबई से घर आया था। शुक्रवार की सुबह सुरेश ट्रैक्टर से उस जमीन को समतल करा रहा था। दिनेश ने रोका तो उसे मारने पीटने लगे। बेटे अभिनव ने घर पहुंचकर मा प्रीतम को बताया तो वह भागकर मौके पर पहुंची और दिनेश को लेकर चली आईं थी। वह घर के सामने खड़ा था, इसी बीच बोलेरो से पहुंचे आधा दर्जन लोगों ने दिनेश को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर बैट लेकर दौड़ी दिनेश की पत्नी प्रीतम की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई, प्रीतम गर्भवती थी।
पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव शुक्रवार की रात साढ़े दस बजे घर लाया गया। सुबह गड़वारा चौकी प्रभारी पहुंचे तो परिजनों ने मागे पूरी होने तक अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया। एसओ पहुंचे तो उनसे भी वहीं माग दोहराई गई। एसओ के सूचना देने पर एएसपी पूर्वी पूणर्ेंदु सिंह साढ़े दस बजे पहुंचे। एएसपी ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दी गई दबिश की जानकारी दी। एएसपी के फोन करने पर एडीएम मनोज कुमार तहसीलदार श्रद्धा पाडेय के साथ पहुंचे और परिजनों को किसान बीमा योजना के तहत पाच लाख रुपये व राष्ट्र्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने, शस्त्र लाइसेंस देने का आश्वासन दिया। एएसपी ने आरोपितों की गिरफ्तारी होने तक घर पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहने का आश्वासन दिया। एडीएम, एएसपी के आश्वासन पर परिजन मान गए। इसके बाद दोपहर एक बजे शव पैतृक गाव रामपुर पान स्थित बाग में ले जाया गया। वहा चाचा हेमंत ने दिनेश व प्रीतम की चिता को मुखाग्नि दी। दिनेश व उनकी पत्नी प्रीतम की हत्या के शोक में व्यापारियों ने शनिवार को बाजार बंद रखा। सुबह से लेकर शाम तक दुकानें नहीं खुलीं।
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दिनेश के पेट-सीने में फंसी थी चार गोली
संसू, प्रतापगढ़ : पोस्टमार्टम से पहले दिनेश व प्रीतम के शव का एक्स-रे कराया गया। दिनेश के सीने में दो गोली, पेट में एक गोली, पेट के नीचे एक गोली फंसी थी। प्रीतम को मारी गई गोली सिर से निकल गई थी।
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आरोपितों की तलाश में दबिश
कुआ गाव निवासी दिनेश सिंह व प्रीतम सिंह की हत्या में सुशील सिंह उर्फ सुरेश, उसके बेटों पंकज व नीरज, नागचंद्र मिश्र, उसके बेटे पंकज, राम प्रताप यादव, धनंजय सिंह निवासी शिवराजपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपितों की तलाश में पुलिस ने उनके घर, रिश्तेदार, सुल्तानपुर जिले के पयागीपुर समेत अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन किसी को पकड़ने में सफलता नहीं मिली।
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भूखे थे दोनों बच्चे
कुआ गाव निवासी दिनेश सिंह और उनकी पत्नी प्रीतम की हत्या के बाद उनके मासूम बेटों अभिनव (9) व आर्यन (5) को हर कोई निहार रहा था। दोनों बच्चे दादी के पास बैठकर अपने माता-पिता के शव को देख रहे थे। दोपहर तक दोनों बच्चे भूखे थे।
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चौकी प्रभारी को निलंबित करने की माग
रामपुर प्रान गाव में शनिवार को दोपहर अंतिम संस्कार के दौरान सदर विधायक संगमलाल गुप्ता पहुंचे तो ग्रामीण गड़वारा चौकी प्रभारी समेत सभी स्टाफ को निलंबित करने की माग की।
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तहसीलदार को भूमि पैमाइश का निर्देश
कुआ गाव पहुंचे एडीएम मनोज कुमार से परिजनों के साथ जूनियर बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विक्रम सिंह समेत अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि जमीन की जल्द पैमाइश कराकर विवाद का निपटारा किया जाए। एडीएम ने तहसीलदार श्रद्धा पाडेय को पैमाइश कर चिह्नांकन का निर्देश दिया। इस दौरान संयुक्त मंत्री अनूप शुक्ल, दीपक मिश्र दीपू, उपाध्यक्ष बृजेंद्र उपाध्याय समेत अन्य अधिवक्ताओं ने एडीएम से 50 लाख की आर्थिक सहायता व आरोपितों की गिरफ्तारी की माग की।