खुले में शौच किया तो वापस करनी पड़ेगी शौचालय की धनराशि
जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भी काफी लोग खुले में शौच करने जाते हैं। ऐसे लोगों पर महकमा अब सख्त रुख अपनाएगा। खुले में शौच करने वालों को शौचालय बनाने के लिए मिली धनराशि वापस ली जाएगी। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी जिला समन्वयकों को चेतावनी बोर्ड लगाने को कहा है। खंड प्रेरकों को इस पर नजर रखने को कहा गया है। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी एडीओ पंचायत व सचिव को पत्र के माध्यम से सचेत किया है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भी काफी लोग खुले में शौच करने जाते हैं। ऐसे लोगों पर महकमा अब सख्त रुख अपनाएगा। खुले में शौच करने वालों को शौचालय बनाने के लिए मिली धनराशि वापस ली जाएगी। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी जिला समन्वयकों को चेतावनी बोर्ड लगाने को कहा है। खंड प्रेरकों को इस पर नजर रखने को कहा गया है। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी एडीओ पंचायत व सचिव को पत्र के माध्यम से सचेत किया है।
बेसलाइन वर्ष 2012 के अनुसार जिले में तीन लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष शासन से 374 करोड़ रुपये का बजट मिला। इसके बाद जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि अभी भी एक लाख 10 हजार 931 पात्र बचे हुए हैं। दूसरे चरण में योजना के तहत बचे लाभार्थियों को भी योजना का लाभ दिया गया। कुल मिलाकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में करीब चार लाख 84 हजार से अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 483 करोड़ 23 लाख 10 हजार रुपये खर्च हो चुका है। जागरूकता कार्यक्रम के बाद भी लोग अभी भी खुले में शौच कर रहे हैं। इससे एक ओर जहां प्रदूषण फैल रहा है, वहीं दूसरी ओर शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।
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प्रचार-प्रसाद मद में खर्च हुए करोड़ों
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में नुक्कड़ नाटक, गोष्ठी, वालपेंटिग आदि के जरिए प्रचार-प्रसार कराने के लिए करीब नौ करोड़ रुपये आया था। इसे कानपुर की एक कार्यदायी संस्था को प्रचार-प्रसार कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। संस्था ने गांव-गांव जाकर इसका प्रचार-प्रसार किया। कार्यक्रम के जरिए यह बताया कि खुले में शौच करने से क्या नुकसान है। घर में शौचालय का प्रयोग करने से किस तरह का फायदा है।
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स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों का इस्तेमाल काफी लोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब लाभार्थियों से सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे लोगों को शौचालय के एवज में दी गई धनराशि वापस ली जाएगी। इसका कड़ाई से पालन करने के लिए संबंधित एडीओ पंचायत, जिला समन्वयक व सचिव को दिशा निर्देश दिया जा चुका है।
-रवि शंकर द्विवेदी, डीपीआरओ