Move to Jagran APP

राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नहीं बता सके Good Afternoon की Spelling, डीएम प्रतापगढ़ ने किया निलंबित

50 हजार रुपये हर महीने वेतन पाने वाले शिक्षकों को गुड आफ्टरनून तक लिखना नहीं आया। डीएम ने बच्चों के साथ शिक्षक से गुड आफ्टरनून लिखवाया तो ठंडी में उनको पसीने छुटाने लगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:19 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 11:33 AM (IST)
राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नहीं बता सके Good Afternoon की Spelling, डीएम प्रतापगढ़ ने किया निलंबित
राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नहीं बता सके Good Afternoon की Spelling, डीएम प्रतापगढ़ ने किया निलंबित

प्रतापगढ़, जेएनएन। प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही बेसिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठाने में जी-जान में लगे है, लेकिन नींव ही कमजोर है। राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक ही जब चंदौली को पंजाब की राजधानी बताएंगे तो फिर बच्चों को क्या पढ़ाएंगे। वह तो गुड आफ्टरनून की स्पेलिंग भी नहीं बता सके। प्रतागपढ़ के जिलाधिकारी ने इसके बाद उनको निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।

loksabha election banner

प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही बुधवार को कुंडा तहसील के लक्ष्मणपुर ब्लाक अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर के निरीक्षण पर थे। इस दौरान उन्होंने 2010 में राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित तथा विद्यालय के हेडमास्टर जयप्रकाश से कुछ प्रश्न पूछे तो उसका सर चकरा गया। जयप्रकाश ने पंजाब की राजधानी चंदौली, तमिलनाडु की पंजाब तथा नगालैंड की राजधानी कश्मीर को बताया। 50 हजार रुपये हर महीने वेतन पाने वाले शिक्षकों को गुड आफ्टरनून तक लिखना नहीं आया। डीएम ने बच्चों के साथ शिक्षक से गुड आफ्टरनून लिखवाया तो ठंडी में उनको पसीने छुटाने लगे।

जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही को जब यह चौंकाने वाले जवाब मिले तो वह काफी हैरत में पड़ गए। इसके बाद तो डीएम साहब का पारा चढ़ गया और उन्होंने प्रधानाध्यापक को सस्पेंड करने का निर्देश दे दिया। सही उत्तर पंजाब की राजधानी चंडीगढ़, तमिलनाडु की चेन्नई और नगालैंड की कोहिमा है। इसी स्कूल में सहायक अध्यापक भी कम नहीं थे। वह 17 का पहाड़ा नहीं सुना सके। गुरुजी के ज्ञान को देखकर डीएम साहब खुद पानी-पानी हो गए। गुरुजी न गुड आफ्टरनून की स्पेलिंग बता पाए और न 17 का पहाड़ा सुना पाए। विद्यालय के हेडमास्टर जयप्रकाश को वर्ष 2010 में तत्कालीन राज्यपाल ने राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया था।

विद्यार्थियों के शिक्षा का स्तर भी गजब का मिला। डीएम को इस प्रश्न का उत्तर किसी से नहीं मिला कि 77, 78 और 69 में कौन सी संख्या बड़ी है? जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण के दौरान सबसे पहले छात्रों से पूछा कि 77, 78 और 69 में कौन सी संख्या बड़ी है? हेडमास्टर से सवाल हुआ तो बोले, हम गणित विषय नहीं पढ़ाते। खैर, डीएम ने उनकी बेबसी पर रहम खाया और पंजाब, तमिलनाडु व नगालैंड की राजधानी बताने के लिए कहा। इसका जो उत्तर मिला, वह चौंकाने वाला था। विद्यालय की उपस्थिति पंजिका में पंजीकृत 106 छात्र-छात्राओं में मात्र 20 उपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रधानाध्यापक जय प्रकाश के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई कर उन्हें किसी और ब्लाक में स्थानांतरित करने का निर्देश बीएसए को दिया। सहायक अध्यापक रामदीन गुप्ता भी गणितीय ज्ञान में कमजोर मिले। उनसे 13 और 17 का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा गया। वह 13 का पहाड़ा ही सुना सके।

जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय लक्ष्मणपुर में उपस्थिति पंजिका देखी तो बृजेश तिवारी लेखाकार, शुभम तिवारी कंप्यूटर आपरेटर, कुलदीप कुमार व अनुचर अनुपस्थित मिले। उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई।देर शाम बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अभी डीएम का पत्र नहीं मिला है, इसलिए निलंबन की कार्रवाई नहीं की गई है। पत्र मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। फिरहाल डीएम के क्लास ने पूरे प्रदेश के सरकारी शिक्षक और उनके महकमे की पोल खोल कर रख दी। जिले में डीएम का निरीक्षण चर्चा का विषय बना हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.