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जन की भाषा है हिदी, इसे बनाएं राष्ट्रभाषा

हिदी दिवस पर सोमवार को जनपद में विविध कार्यक्रम किए गए। शिक्षण संस्थानों बैंक व संगठनों द्वारा हिदी का बखान किया गया। इसे जनभाषा बताते हुए राष्ट्रभाषा बनाने की मांग एक बार फिर सरकार से की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 05:03 AM (IST)
जन की भाषा है हिदी, इसे बनाएं राष्ट्रभाषा
जन की भाषा है हिदी, इसे बनाएं राष्ट्रभाषा

हिदी दिवस पर सोमवार को जनपद में विविध कार्यक्रम किए गए। शिक्षण संस्थानों, बैंक व संगठनों द्वारा हिदी का बखान किया गया। इसे जनभाषा बताते हुए राष्ट्रभाषा बनाने की मांग एक बार फिर सरकार से की गई। नगर के एमडीपीजी कॉलेज में हिदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष स्व. डॉ. हंसराज त्रिपाठी की स्मृति में व्याख्यान हुआ। इसमें वक्ताओं ने हिदी के महत्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ. विनोद शुक्ल ने कहा कि डॉ. हंसराज ने एक दर्जन से अधिक शोधपत्र तथा कई पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित कर महाविद्यालय ही नहीं, जनपद का नाम हिदी साहित्य में चमकाया। हिदी विभागाध्यक्ष डॉ. ऊषा तिवारी, डॉ. दयाराम मौर्य, डॉ. पीयूष कांत शर्मा, डॉ. रमेश चंद्र शुक्ल, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. विनोद तिवारी आदि ने संबोधित किया।

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कैसी विडंबना इ दासी बनी घरैतिन

फोटो 14 पीआरटी 34

जासं, प्रतापगढ़ : पीबीपीजी कालेज सिटी में हिदी दिवस पर अवधी गेय कविताओं पर कार्यशाला हुई। निर्णय हुआ कि पा‌र्श्वगायक रवि त्रिपाठी अवधी कविताओं को स्वरबद्ध करेंगे। शुभारंभ डॉ. शिवानी मातनहेलिया की सरस्वती वंदना से हुई। कवि डॉ. राजेंद्र राज ने युवा पीढ़ी पर व्यंग्य किया.कुलि माना बात लुगाई कय, अब कौन जरूरत माई कय। विजय बहादुर सिंह अक्खड़, गीतकार सुनील प्रभाकर, गजलकार डॉ. नागेंद्र अनुज के बाद आचार्य अनीस देहाती ने पढ़ा.कैसी विडंबना इ दासी बनी घरैतिन, अपनेन घरे मां होइगै नेहमान आज हिदी। डॉ. श्याम शंकर श्याम, राजेंद्र यादव, शांभवी सिंह, हरि बहादुर सिंह हर्ष, मुर्तजा जाफरी, रूपक उपाध्याय आदि ने भी रचना पढ़ी। अध्यक्षता कर रहे प्रबंधक राजा अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि विलुप्त हो रही अवधी के लिए सभी आगे आएं। पा‌र्श्वगायक रवि त्रिपाठी ने आद्या प्रसाद उन्मत्त की रचना माई और आजाद की रचना कथरी को स्वरबद्ध प्रस्तुत किया। संयोजक प्राचार्य डॉ. बृजभानु सिंह ने स्वागत किया।

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अंग्रेजी से हमारी पहचान नहीं

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जासं, प्रतापगढ़ : हिदी सेवी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. राजे‌र्श्वर सहाय त्रिपाठी द्वारा स्थापित जनपद हिदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में हिदी दिवस समारोह सदर बाजार में हुआ। मंत्री अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता कृपा शंकर ओझा व संचालन डॉ. अमित पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार दया शंकर शुक्ल हेम ने कहा कि अंग्रेजी कभी हमारी पहचान नहीं हो सकती। हिदी से ही हमारा नाता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. संगम लाल त्रिपाठी भंवर, डॉ. अर्चना शुक्ल, रहे। उद्घाटन अतिथि पूर्व प्रबंधक विजय प्रताप त्रिपाठी व समापन अतिथि कमलेश पांडेय रहे। प्रधानाचार्य शशिभाल त्रिपाठी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। संयोजक व अतिथियों द्वारा डॉ. विनोद दुबे व डॉ. अर्चना शुक्ला का सारस्वत अभिनंदन किया गया औऱ काव्य सागर साहित्यिक पटल के संस्थापक सचिन मिश्र सागर का साहित्यिक नामकरण भी किया गया।

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हिदी में करें अपने कामकाज

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जासं, प्रतापगढ़ : बड़ौदा यूपी बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में राज भाषा दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी सदर राम शंकर रहे। क्षेत्रीय प्रबंधक केशव राम जी ने हिदी की वर्तमान स्थिति पर चिता व्यक्त की। बैंक कर्मियों से दैनिक कार्य हिदी में करने का अनुरोध किया। शिक्षक नेता राजीव गुप्ता भी बोले। क्षेत्रीय प्रबंधक ने राम शंकर और राजीव को सम्मानित किया। संचालन वरिष्ठ प्रबंधक आशीष रॉय ने किया तथा वरिष्ठ प्रबंधक अरुण कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बीके सिंह, हिमांशु, मंजीत, अभिजीत, आलोक, कुंदन, पूजा, प्रियंका आदि मौजूद रहे।

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हिदी के लिए चलाएंगे हस्ताक्षर अभियान

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संसू, लालगंज : हिदी मित्र संघ व संयुक्त अधिवक्ता संघ ने तहसील सभागार में राष्ट्र भाषा हिदी के उन्नयन पर गोष्ठी की। राष्ट्रपति के नाम एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें हिदी को संसद के मानसून सत्र में संवैधानिक दर्जा देने की मांग रखी गई। जिला संयोजक ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने कहा कि इसके लिए हिदी पखवारे में देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य आचार्य शक्तिधर नाथ, पूर्व अध्यक्ष कालिका प्रसाद पांडेय, अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, महामंत्री रामकुमार पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश सिंह ने भी विचार रखे।


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