ग्रामीणों ने भरे मवेशी, स्कूल में छुंट्टी, ओपीडी ठप
जासं प्रतापगढ़ बेसहारा पशुओं के कारण चौपट हो रही खेती से किसान आगबबूला हैं। गुस्साए कि
जासं, प्रतापगढ़ : बेसहारा पशुओं के कारण चौपट हो रही खेती से किसान आगबबूला हैं। गुस्साए किसानों ने शुक्रवार को लालगंज के अगई गांव के बोधी का पुरवा के प्राथमिक विद्यालय में सैकड़ों मवेशियों को भर दिया। अब शनिवार को एक अस्पताल में भी पशुओं को कैद कर दिया गया। इससे शनिवार को स्कूल में छुंट्टी कर दी गई तो अस्पताल में ओपीडी प्रभावित हो गई। प्रशासनिक टीम ने पशुओं को पशु आश्रय स्थल भेजा। एसडीएम ने दोषी ग्रामीणों पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल में पशुओं को कैद किए किसान शनिवार को भी अपनी जिद पर अड़े रहे। सुबह एक गाय की भूख-प्यास से मौत हो गई। साढ़े सात बजे विद्यालय पहुंचे बच्चों को शिक्षकों ने वापस घर भेज दिया। बाद में खंड शिक्षा अधिकारी मो. रिजवान व नायब तहसीलदार गांव पहुंचे। आक्रोशित लोगों को समझाकर शांत कराया। प्रशासनिक टीम ने स्कूल में बंद मवेशियों को आजाद कराया। दो गायों का इलाज किया गया। लालगंज एसडीएम विनीत उपाध्याय व सीओ रमेश चंद्र ने गांव की चरागाह की जमीन का मुआयना किया। एसडीएम ने अस्थायी पशु आश्रय केंद्र के निर्माण का आदेश दिया। उनके मुताबिक ग्रामसभा अगई व बोधी सिंह का पुरवा में अस्थाई गो संरक्षण केंद्र के लिए चरागाह की आठ बीघा जमीन चिह्नित की गई है। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
उधर, मंगरौरा ब्लाक के नारायणपुर, दरछुट, महेदुआ के ग्रामीण शनिवार की सुबह सात बजे 46 मवेशियों को लेकर सीएचसी नारायणपुर परिसर में दाखिल हो गए। मवेशियों को अंदर छोड़कर बाहर से गेट बंद कर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का आक्रोश देख मरीजों के परिजन और स्वास्थ्यकर्मियों में अफरातफरी मच गई। अस्पताल के अधीक्षक डा. ओम प्रकाश की सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए। तहसीलदार मनीष कुमार भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। अस्पताल में कैद मवेशियों को ट्रक से पशु आश्रय स्थल भेजा गया। यहां के एसडीएम डीपी सिंह ने सीएचसी अधीक्षक डा. ओमप्रकाश से मामले की जानकारी ली और ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। इसके चलते करीब तीन घंटे अस्पताल में अफरातफरी रही।