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बेल्हा में 50 हजार शौचालयों की जियो टैगिंग अधर में

प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग व निदेशक की सख्ती के बावजूद जिले में शौचालयों की जियो टैगिंग की प्रगति बेहद खराब है। अभी भी 50 हजार से अधिक शौचालयों की जियो टैगिंग नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 08:29 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 06:02 AM (IST)
बेल्हा में 50 हजार शौचालयों की जियो टैगिंग अधर में
बेल्हा में 50 हजार शौचालयों की जियो टैगिंग अधर में

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग व निदेशक की सख्ती के बावजूद जिले में शौचालयों की जियो टैगिंग की प्रगति बेहद खराब है। अभी भी 50 हजार से अधिक शौचालयों की जियो टैगिंग नहीं हो पाई है। प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में शौचालय की प्रगति खराब होने पर विभागीय अफसरों ने सभी को सचेत किया था। कार्रवाई की चेतावनी दी, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में चार लाख से अधिक शौचालय बनाने का लक्ष्य था। योजना चार साल पहले शुरू हुई थी। जिला ओडीएफ घोषित होने के बाद भी यहां शौचालयों की जिलो टैगिंग की प्रगति खराब चल रही है। इसमें कालाकांकर ब्लाक में 672, मानधाता में दो हजार 288, मंगरौरा में चार हजार 91, बाबागंज में तीन हजार 439, लालगंज में 119, रामपुर संग्रामगढ़ में तीन हजार 284, बाबा बेलखरनाथ धाम में 1289, संडवा चंद्रिका में तीन हजार 466, पट्टी में एक हजार 289, लक्ष्मणपुर में दो हजार 336, शिवगढ़ में दो हजार 631 व आसपुर देवसरा में तीन हजार 680 शौचालय की जियो टैगिंग नहीं हो पाई है। जिन शौचालयों का कार्य पूरा हो गया है, उसकी फोटो खींचकर स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। इसके बाद ही यह माना जाता है कि शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस प्रक्रिया को जियो टैगिग कहते हैं। डीपीआरओ लालचंद्र गुप्ता ने बताया कि जियो टैग का कार्य तेजी से चल रहा है। इसकी मॉनीटरिग की जा रही है।


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