स्कूल कालेज भूले, बाग में पड़ गए झूले
रानीगंज अगर गांव में झूला पड़ जाए तो लोगों को सावन की याद आ जाती है। कोरोना के चलते स्कू
रानीगंज : अगर गांव में झूला पड़ जाए तो लोगों को सावन की याद आ जाती है। कोरोना के चलते स्कूल बंद चल रहे हैं। ऐसे में स्कूल कालेज का टेंशन बच्चों को नहीं है। वह झूले पर आनंद ले रहे हैं। गरीब परिवार होने से बच्चों के पास मोबाइल नहीं है। ऐसे में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं नेटवर्क के अभाव में भी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
कोरोना संकट के चलते करीब डेढ़ साल से स्कूल कॉलेज बंद है । ऐसे में स्कूल जाने वाले नौनिहाल घरों में ही रहने को मजबूर हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए गांव में नेटवर्क का हाल बेकार है, जिससे इनकी पढ़ाई ऑनलाइन भी नहीं हो पा रही है । बच्चे बाग बगीचे में झूला झूलकर व खेलकूद कर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। किताबों के सहारे पढ़ाई चल रही है। कुछ वक्त तक तो बच्चे घरों में मोबाइल व टीवी देखकर व्यतीत कर रहे हैं। सावन का महीना आया तो बच्चे खुशी से चहक उठे हैं। अब वह बाग में झूला डाल दिए हैं। झूला झूल कर समय व्यतीत करने के साथ खुश दिख रहे हैं। अगर बाग नहीं है तो घर के पास पेड़ की डालियों व आंगन में ही झूला डालकर उसका आनंद ले रहे हैं। कोरोना संकट में सावन का झूला भी बच्चों को अब भाने लगा है। अभिभावक भी खुश है कि कम से कम बच्चे बाहर न घूम कर घरों के आसपास सी झूला झूल कर समय व्यतीत कर रहे हैं । अगर बाहर निकलते तो संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता । ऐसे में अभिभावक भी बच्चों को बहलाने में लगे हैं ।
संडीला गांव के छात्र अनुपम, शरद व छात्रा पर्व मिश्रा, शौर्य मिश्रा कहती हैं कि झूला झूलने में उन्हें काफी आनंद आ रहा है। झूला झूल कर समय व्यतीत कर रहे हैं। क्योंकि अभी स्कूल तो बंद है।