प्रतापगढ़ में कोहरे का पहरा, फैजाबाद से दौड़ रही पद्मावत
राजनारायण शुक्ल राजन, प्रतापगढ़ : कहने को तो दिल्ली दूर नहीं है, मगर सियासी कमजोरी ने प्र
राजनारायण शुक्ल राजन, प्रतापगढ़ : कहने को तो दिल्ली दूर नहीं है, मगर सियासी कमजोरी ने प्रतापगढ़ से दिल्ली की दूरी बढ़ा दी है। दोहरा मानक अपना रहे रेल महकमे ने कोहरे को विलेन बनाकर यहां से पद्मावत का आवागमन बंद करा दिया। जबकि फैजाबाद में उसी पद्मावत एक्सप्रेस पर कोहरे का असर नहीं है।
प्रतापगढ़ से दिल्ली आने-जाने के लिए पद्मावत एक्सप्रेस बहुत उपयोगी ट्रेन है। इससे हर रोज तकरीबन 2800 यात्री सफर करते थे। इसका समय और किराया दोनों ही यहां के यात्रियों के लिए बेहद मुफीद है। मगर रेल महकमे ने कोहरे का अंदेशा जताकर एक दिसंबर से ये ट्रेन 13 फरवरी तक रद कर दी। कायदे से केंद्र सरकार के प्रतिनिधि बने जिले के सांसदों को इस बात का विरोध करना चाहिए था, मगर सबने चुप्पी साध ली। मीडिया ने मुद्दा उठाया तो प्रतापगढ़ के लोकसभा सांसद कुंवर हरिवंश ¨सह ने रेल मंत्री को पत्र भेजकर अपना कर्तव्य पूरा कर लिया। जबकि जिले से जुड़े दूसरे कौशांबी सांसद ने कोई फिक्र ही नहीं की। सत्ता पक्ष की नीतियों को पानी पी पीकर कोसने वाले कांग्रेस के धुरंधर राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने भी जनता की तकलीफ से रेल महकमे को अवगत कराना गवारा नहीं समझा।
जब सांसदों का यह हाल है तो जिले के तीन मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, राजेंद्र प्रताप ¨सह उर्फ मोती ¨सह और डॉ. महेंद्र ¨सह और विधायकों ने भी जनता की ये समस्या अनसुनी कर दी। वहीं फैजाबाद के सांसद के प्रयासों से वहां पद्मावत का संचालन निरंतर बना हुआ है। ऐसे में प्रतापगढ़ के लोगों के जेहन में यह सवाल कौंध रहा है कि ट्रेन निरस्त होने के पीछे का विलेन कोहरा है या फिर जिले की राजनीतिक कमजोरी?
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खास बातें-
-पद्मावत में छह स्लीपर कोच में 72 बर्थ हैं।
-एसी द्वितीय श्रेणी में 40 बर्थ हैं।
-एसी तृतीय श्रेणी में 64 बर्थ हैं।
-एचए प्रथम कोच में 04 बर्थ हैं।
-जनरल में लगभग 2000 यात्री चलते हैं।
-करीब 600 वे¨टग वाले चलते हैं।
-रेलवे को हर दिन पांच लाख का चूना।
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डीआरएम ले रहे रिपोर्ट
जिले में रद चल रही पद्मावत एक्सप्रेस से हो रहे नुकसान की रिपोर्ट महकमा हर दिन ले रहा है। डीआरएम स्तर से इसकी डिटेल हर दिन सीएमआइ से ली जाती है। यात्रियों को हो रही समस्याओं पर महकमा कब कदम उठाएगा, यह तो नहीं पता पर यहां के रेल अफसर जनता के सवालों के जवाब देते-देते पक चुके हैं।