फर्म संचालक भी हजम कर गए हैं टैक्स के लाखों रुपये
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये का बजट मिलता है। इसमें इंटरलॉकिग खड़ंजा सहित अन्य तरह के कार्य कराए जाते हैं। ग्राम पंचायतों ने सामग्री मद में फर्म के जरिए भुगतान कर कार्य कराया गया। फर्म संचालक ने जीएसटी का पैसा वाणिज्य कर विभाग में नहीं जमा किया। जब सत्यापन हुआ तो लाखों रुपये जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले में अभी विभागीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। मामले को लेकर असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर ने डीसी मनरेगा से मिलकर मामले की जानकारी दी।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये का बजट मिलता है। इसमें इंटरलॉकिग, खड़ंजा सहित अन्य तरह के कार्य कराए जाते हैं। ग्राम पंचायतों ने सामग्री मद में फर्म के जरिए भुगतान कर कार्य कराया गया। फर्म संचालक ने जीएसटी का पैसा वाणिज्य कर विभाग में नहीं जमा किया। जब सत्यापन हुआ तो लाखों रुपये जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले में अभी विभागीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। मामले को लेकर असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर ने डीसी मनरेगा से मिलकर मामले की जानकारी दी।
ग्राम पंचायत में राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त से विकास कार्य कराया जाता है। इसके अलावा मनरेगा से भी अच्छा खासा बजट मिलता है। जिले भर में 1207 ग्राम पंचायतों में हर साल करोड़ों रुपये का विकास कार्य हुआ है। ग्राम पंचायतों ने जब सामग्री मद में करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन फर्म ने जीएसटी का पैसा विभाग में नहीं जमा किया। इसकी पुष्टि तब हुई जब वाणिज्य कर विभाग के अफसर डीसी मनरेगा से मिले। उन्होंने डीसी मनरेगा को ग्राम पंचायतवार रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट देख अधिकारी अवाक रह गए। हालांकि यह निर्णय लिया गया है कि जिन ग्राम पंचायतों में सामग्री मद द्वारा भुगतान किया गया, लेकिन फर्म ने जीएसटी नहीं जमा किया, ऐसे फर्म, प्रधान व सचिव कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। डीसी मनरेगा अजय कुमार पांडेय ने बताया कि जीएसटी का जो पैसा नहीं जमा किया गया है, उसे लेकर जल्द ही बैठक होगी। जीएसटी का पैस जमा कराया जाएगा। असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर अरविद कुमार पांडेय ने बताया कि ग्राम पंचायतवार रिपोर्ट डीसी मनरेगा को दी गई है।
---
तीन दिन बाद होगी बैठक
जीएसटी न जमा करने की बात सामने आई तो अफसर ने अपना पक्ष रखते हुए वाणिज्य कर अधिकारी से कहा कि हो सकता है जीएसटी जमा न करने की जानकारी प्रधानों को हो। हालांकि इसे लेकर तीन दिन बाद सारे ब्लाक के एकाउंटेंट व सचिव के साथ बैठक होगी। उसमें पहले तो उनको इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद सामग्री मद में हुए भुगतान का भी विवरण सामने रखा जाएगा।
---
जुर्माना न जमा करने पर होगी रिकवरी
जीएसटी का पैसा हजम करने वाले निवर्तमान ग्राम प्रधानों, एकाउंटेंट व फर्म संचालकों पर महकमा सख्त हो गया है। जीएसटी न जमा करने को लेकर पहले उनको नोटिस भेजी जाएगी। इसके बाद अगर वह इसे नहीं जमा करते हैं तो उनसे रिकवरी की जाएगी।
----