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अच्छे पौधे रोपने को प्रेरित कर रहे पर्यावरण प्रहरी

पौधे कितने महत्वपूर्ण होते हैं इस बात का संदेश पर्यावरण प्रहरी दे रहे हैं। वे लोगों को पौधे रोपने को प्रेरित कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 12:19 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:00 AM (IST)
अच्छे पौधे रोपने को प्रेरित कर रहे पर्यावरण प्रहरी
अच्छे पौधे रोपने को प्रेरित कर रहे पर्यावरण प्रहरी

पौधे कितने महत्वपूर्ण होते हैं इस बात का संदेश पर्यावरण प्रहरी दे रहे हैं। वे लोगों को पौधे रोपने को प्रेरित कर रहे हैं। दैनिक जागरण ने अपने अभियान आओ रोपें अच्छे पौधे से ऐसे लोगों को जोड़कर समाज में जागरूकता लाने का सफल प्रयास किया। लोग अभियान को पसंद कर रहे हैं साथ ही अच्छे पौधे लगाने के लिए उत्साहित हैं। इस क्रम में पर्यावरण और प्रकृति से लगाव रखने वाले प्रहरीगण से उनके विचार जाने गए।

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--- फोटो : 05 पीआरटी 13

पौधे हम सभी को जीवन देते हैं। इनके द्वारा कार्बन डाईआक्साइड का अवशोषण करके आक्सीजन प्रदान किया जाना किसी वरदान से कम नहीं है। ईको सिस्टम के सही संचालन के लिए पौधे अहम होते हैं। मेरा मानना है कि सरकार को पौधे लगाने का जिम्मा विभागों से कहीं अधिक प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों को देना चाहिए। जन सहभागिता होने से सरकार को इस कार्य में और आसानी होगी। दूर तक हरियाली का विस्तार किया जा सकेगा। यह सबके हित में होगा।

- डा. राधेश्याम मौर्य, पर्यावरणविद् प्रतापगढ़।

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फोटो : 05 पीआरटी 14 आदि काल से मनुष्य और जीव जंतुओं का जुड़ाव पेड़ पौधों से रहा है। वह कंद मूल फल, पेड़ पौधों के पत्तों और फल का सेवन करते थे। इसलिए वह पेड़ों को बचाते भी थे। लकड़ी और औषधि के साथ ही तेल भी पौधे देते हैं। जिससे कमाई भी होती है। विकास की दौड़ में सबसे अधिक नुकसान पेड़ों का हो रहा है। इससे प्रदूषण बढ़ रहा है। सरकार से मेरा अनुरोध है कि वह एक ऐसा आदेश जारी करें, जिसमें एक पेड़ काटने पर कम से कम पांच पौधा लगाना अनिवार्य होगा।

-सत्येंद्र सिंह, पर्यावरण प्रहरी प्रतापगढ़।

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फोटो : 05 पीआरटी 15

वातावरण में कार्बन डाईआक्साइड और मीथेन जैसी गैसों के बढ़ने से ग्रीन हाउस पर असर पड़ रहा है। इसका असंतुलन तापमान को बढ़ा देता है। ऐसे में पेड़ पौधों को अपना मित्र बनाना होगा। जागरूकता कार्यक्रम सरकारी फाइलों से निकालकर जनता के बीच लाने की जरूरत है। हर व्यक्ति को यह समझाना होगा कि पेड़ से ही उनका अस्तित्व है, इसलिए वह पौधे लगाएं और बचाएं। देखा जाता है कि लोग अपनी जरा सी सुविधा के लिए बड़ी मेहनत से तैयार किए गए पौधे नष्ट कर देते हैं, इसे रोकें।

-विनोद कुमार सिंह, पर्यावरण प्रहरी प्रतापगढ़।

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फोटो : 05 पीआरटी 16

जहां पौधे नहीं होते, वहां कुछ नहीं होते। औद्योगिक विकास का हम विरोध नहीं करते, सड़कें भी बननी चाहिए, लेकिन सबसे पहले यह चिता रहे कि हरियाली नष्ट न होने पाए। पेड़ पौधे कम होने पर भी मनुष्य की आंख नहीं खुल रही है। बरसात में लगातार कमी और बिना जरूरत के अधिक बरसात यह सब प्रकृति का असंतुलन ही तो है। अब भी वक्त है। हमें अधिक से अधिक पौधे रोपने चाहिए। जो लगे हैं, उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। सरकार को मेरा सुझाव है कि खुली चौपालों में जनता की राय ली जाए।

-विद्यासागर देशभक्त, संस्थापक मानव निर्माण कार्यशाला

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फोटो : 05 पीआरटी 17

वन क्षेत्र इस धरा के आभूषण और रक्षक बने हुए हैं। पौधों से मनुष्यों को ही नहीं पशुओं को भोजन और आश्रय मिलता है। भोज, पीपल, आम, महुआ, पाकड़, बरगद, केला जैसे पौधों के पत्ते पूजन में काम आते हैं। जब ये पत्ते जमीन पर गिरकर सड़ जाते हैं तो भी यह खाद बनकर योगदान देते हैं। इतने अधिक महत्व वाले पौधों के बारे में विकास लोलुप मनुष्य कब समझेगा, यह सोचने वाली बात है। अगर पेड़ काटने पर मिलने वाली सजा और कड़ी हो जाए तो हरियाली पर छाया संकट कुछ हद तक कम हो सकता है।

-हृदय नारायण गुप्ता, प्राध्यापक सुखराज रघुनाथी कालेज प्रतापगढ़।


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