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गांव-गांव गढ़े जा रहे मिट्टी के दीये, चमकेगा घर-आंगन

रानीगंजकैथौला दीप पर्व पर घर-आंगन से लेकर मंदिरों व चौबारों तक मिट्टी के दीपक जलेंगे। ग

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:16 PM (IST)
गांव-गांव गढ़े जा रहे मिट्टी के दीये, चमकेगा घर-आंगन
गांव-गांव गढ़े जा रहे मिट्टी के दीये, चमकेगा घर-आंगन

रानीगंजकैथौला : दीप पर्व पर घर-आंगन से लेकर मंदिरों व चौबारों तक मिट्टी के दीपक जलेंगे। गरीबों के घर भी खुशियां आएंगीं। ऐसी आशा में गांव-गांव कुम्हार चाक पर उंगलियां घुमा रहे हैं। उनके बच्चे भी सहयोग दे रहे हैं।

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बदले दौर में मिट्टी बर्तनों के चलन पर बहुत हद तक ब्रेक लगी है। पहले दीपावली पर मिट्टी के दीये ही उपयोग में लाए जाते थे। धार्मिक व अन्य कार्यक्रमों में भी मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता था, लेकिन आज इनका प्रचलन बहुत कम हो गया है। इससे बहुतायत कुम्हारों का रोजगार समाप्त हो गया। कुम्हारी कला के माहिर कुम्हारों की मिट्टी के बर्तन बनाने की कला धीरे-धीरे फीकी पड़ती गई। बहुत कम लोग इस कला को जीवित रखे हैं। अब अधिक उम्र वाले ही चाक और आवां से जुड़े हैं। इनके परिवार के युवक इस पुश्तैनी व्यवसाय से खुद को अलग रख रहे हैं। वह रोजी रोटी के लिए अन्य व्यवसाय में लगे हैं। कुम्हारी से जुड़े लोग कहते हैं कि चाक के सहारे परिवार का गुजारा करना अब बहुत मुश्किल हो गया है। नयापुरवा के कुम्हारन टोला के दयाराम प्रजापति कहते हैं कि आधुनिकता के दौर में मिट्टी के बर्तन की मांग कम हो ही गई है। सरकार ने भी कुम्हारों से वादाखिलाफी की है। सरकार ने कहा था कि कुम्हारों को मिट्टी के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी, लेकिन आज तक किसी को भी जमीन नहीं मिली। हम लोगों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए बाहर से मिट्टी लानी पड़ती है। ऊपर से पुलिस भी अवैध खनन के नाम पर सुविधा शुल्क चाहती है। इतने के बाद भी हम लोग परंपरा के दीये गढ़ना नहीं छोड़े, क्योंकि यह रोजी रोटी ही नहीं हमारी पहचान भी तो है।

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दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों ²ष्टि से महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। तमसो मा ज्योतिर्गमय अर्थात हे भगवान मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाइए। ऐसे में इस पर्व पर हम गरीबों की मदद कर उनके चेहरे पर खुशी ला सके यही सही मायने में दीपावली होगी।

-प्रकाश चंद्र मिश्र, प्रबंधक भागवतदत्त महाविद्यालय,लालगंज।

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दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। हम संकल्प लें कि इस दीपावली में घर आंगन में मिट्टी के बने दीये से प्रकाश फैलाएंगे। हम संकल्प लें कि इस दीपावली पर हम विदेशी सामानों का उपयोग नही करेंगे। यही सही मायने में हम दीपावली का आनंद ले सकेंगे।

-डॉ. अरुण द्विवेदी, चिकित्सक, लालगंज।


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