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डस्टर मशीन, बोरी के अभाव में धान खरीद पर संकट

क्षेत्र में किसानों की सहूलियत के लिए धान के तीन क्रय केंद्र संचालित हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 10:49 PM (IST)
डस्टर मशीन, बोरी के अभाव में धान खरीद पर संकट
डस्टर मशीन, बोरी के अभाव में धान खरीद पर संकट

संसू, बाबागंज : क्षेत्र में किसानों की सहूलियत के लिए धान के तीन क्रय केंद्र संचालित हैं। इसमें एफसीआइ द्वारा हीरागंज एवं पीसीएफ द्वारा साधन सहकारी समिति राजापुर व सांडा हर्षपुर खोला गया। हीरागंज धान क्रय केंद्र पर 218 कुंतल धान की खरीद हो चुकी है, जबकि इनका लक्ष्य दो हजार कुंटल है। वहीं सांडा हर्षपुर का लक्ष्य चार सौ एवं राजापुर का तीन सौ मीट्रिक टन है, लेकिन इसके बावजूद राजापुर व सांडा हर्षपुर में धान की खरीद चालू नहीं हो सकी। इन केंद्रों पर बोरी व डस्टर मशीन नहीं उपलब्ध है। केंद्र प्रभारी सांडा हर्षपुर विनय कुमार मिश्रा ने बताया कि जब तक केंद्र पर डस्टर मशीन व बोरी नहीं आ जाएगी, तब तक धान खरीद कर पाने में सक्षम नहीं हूं। हर खेतों में कंडो रोग लगा हुआ है। किसान तो बहुत आ रहे हैं, लेकिन मिलर द्वारा अभी तक ना तो बोरी उपलब्ध कराई गई है और न डस्टर मशीन। जबकि मेरे खाते में 50 हजार है, लेकिन बोरी के अभाव में खरीद नहीं पा रहा है।

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राजापुर केंद्र प्रभारी दुर्गेश शुक्ला का कहना है कि खाते में ना तो पैसा आया है और न ही केंद्र पर डस्टर मशीन। यही नहीं विभाग द्वारा बोरी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे में हम खरीद कैसे करें। पीसीएफ के जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला ने बताया कि डस्टर मशीन मंडी समित हमको उपलब्ध कराती है। मंडी समिति से जो डस्टर मिला था। उसे जहां ज्यादा धान खरीद होती है, उन 26 केंद्रों को उपलब्ध करा दिया गया है। साथ ही अन्य केंद्रों के लिए मांग की गई है। बोरी की उपलब्धता के बारे में उन्होंने बताया कि बोरी उपलब्ध कराने के लिए मिलर से कहा गया था, जिसके बाद केंद्रों पर बोरी उपलब्ध करा दी गई है। धान बेचने के लिए किसानों को लगाने पड़ रहे चक्कर

संसू, संडवा चंद्रिका : किसानों को धान बेचने के लिए तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है। प्रशासन ने किसानों की खतौनी के सत्यापन के बाद ही धान खरीद करने के निर्देश जारी किए हैं। किसान धान की बिक्री के लिए अपना पंजीकरण पहले ही करा चुके हैं। अब उन्हें खतौनी के सत्यापन के लिए तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है। किसानों को अपनी उपज को बेचे जाने के लिए खुद को किसान साबित करना पड़ रहा है। सरकारी धान क्रय केंद्रों पर किसानों को धान की बिक्री के लिए तहसील में लेखपाल व राजस्व निरीक्षक तहसीलदार, एसडीएम से रिपोर्ट लगवानी पड़ रही है। इस रिपोर्ट के बाद जिला विपणन अधिकारी द्वारा ऑनलाइन क्रय केंद्रों पर धान खरीद के निर्देश दिए जाते हैं, तब धान की खरीद हो पाती है। इसके पूर्व किसान धान बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीकरण भी कराते हैं, जिसमें उनके खतौनी व अन्य डिटेल रहते हैं। अब तक किसान इसी पंजीकरण से धान व गेहूं की बिक्री करते आ रहे थे। लेकिन इस वर्ष उन्हें तहसील से खतौनी का सत्यापन भी कराना पड़ रहा है। किसानों ने बताया है कि गेहूं की बुआई के लिए उर्वरक व बीज के लिए जहां पैसों की आवश्यकता है, वहीं धान बेचने के लिए तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है। उमरी निवासी प्रताप नारायण मिश्र, मनोज मिश्र ने बताया है कि तहसील में राजस्व अधिकारियों के न मिल पाने से खतौनी का सत्यापन समय से नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के अन्य किसानों ने भी प्रशासन के इस आदेश पर रोष प्रकट करते हुए बताया है कि समझ में नहीं आ रहा है कि किसान धान बेंचने के लिए पहले तहसील फिर क्रय केंद्र का चक्कर लगाएं, या फिर गेंहूं की बुआई करें। इससे किसान परेशान हैं।

क्षेत्रीय विपणन अधिकारी समेत तीन को प्रतिकूल प्रविष्टि

संसू, प्रतापगढ़ : धान खरीद में लापरवाही बरतने वाले केंद्र प्रभारियों व उदासीन अफसरों के खिलाफ अफसरों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। कार्रवाई की जद में आने वालों में सहायक विकास अधिकारी, मार्केटिग इंस्पेक्टर समेत अन्य केंद्रों के प्रभारी शामिल हैं। कार्रवाई से अफसरों समेत केंद्र प्रभारियों में खलबली मची हुई है।

एक नवंबर से जिले भर के 50 क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू हो गई है। कई केंद्रों पर अभी तक बोहनी नहीं हुई है। जो नोडल नामित किए गए हैं उनका भी इन पर नियंत्रण नही है। जिला खरीद अधिकारी यानि एडीएम शत्रोहन वैश्य में ऐसे केंद्र प्रभारियों समेत अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसमें क्षेत्रीय विपणन अधिकारी सदर अनिल पटेल, केंद्र प्रभारी केवलापुर नंद के अरविंद सिंह व केंद्र प्रभारी दुर्गेश कुमार के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई हुई है। इसके अलावा सहायक विकास अधिकारी मंगरौरा अमरनाथ उपाध्याय, बाबागंज रोहित वर्मा, मानधाता राजेश सिंह, सदर आंचल को चेतावनी मिली है। इसके अलावा विपणन निरीक्षक कुंडा मनीषा सिंह व विपणन निरीक्षक कालाकांकर त्रिलोकी भारती से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसमें पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के गाटे के सत्यापन में लापरवाही बरतने, क्रय केंद्रों पर बोरी न होने की बात कहकर किसानों को केंद्रों से वापस किए जाने, लक्ष्य के अनुरूप खरीद न किए जाने, खरीद बढ़ाने को लेकर किसानों से संपर्क न किए जाने समेत मामलों की शिकायत मिली है। डिप्टी आरएमओ धनंजय सिंह ने भी निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं को भी लेकर एडीएम समेत से शिकायत की थी।


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