फौजी की मौत से परिवार में मचा कोहराम
बीमारी से फौजी की मौत से स्वजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को सुबह शव यहां घर लाया गया तो स्वजनों के क्रंदन से हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बीमारी से फौजी की मौत से स्वजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को सुबह शव यहां घर लाया गया तो स्वजनों के क्रंदन से हर किसी की आंखें नम हो गईं। पत्नी, मां और बहन रो-रोकर बदहवास हो गई हैं। शनिवार को सुबह प्रयागराज के रसूलाबाद घाट पर फौजी के शव की अंत्येष्टि कर दी गई है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के पूरनपुर पटखान (तिगुनाइतपुर) गांव निवासी अरुण कुमार सरोज पुत्र बजरंगी सरोज की सेना में सिपाही पद पर वर्ष 2010 में नियुक्ति हुई थी। इस समय उनकी तैनाती राजस्थान के नसीराबाद में थी। वह दो साल से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज लखनऊ के आर्मी अस्पताल में चल रहा था। वहां इलाज के दौरान गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया था। अरुण का शव लेकर सेना के जवान शनिवार को सुबह नौ बजे उनके घर पूरनपुर पटखान पहुंचे तो स्वजनों में कोहराम मच गया। पत्नी सुंदरी देवी, मां धाना देवी, बहन अर्चना रोते-रोते बदहवास हो गईं। तिरंगे में लिपटे अरुण के शव पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। अरुण का शव रसूलाबाद घाट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया। अरुण की शादी वर्ष 2016 में मानधाता थाना क्षेत्र के पूरैला गांव निवासी रामनाथ सरोज की पुत्री सुंदरी देवी से हुई थी। अरुण को कोई संतान नहीं थी। पांच भाइयों में अरुण चौथे नंबर था। उससे बड़े रामभोले, शिव आधार, शिव कुमार व छोटे विजय और बहन अर्चना है। सभी शादीशुदा हैं। अरुण के पिता बजरंगी सरोज होमगार्ड हैं, इस समय उनकी जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर है।