निलंबित सीएमएस के कारनामों की जांच को पहुंचे निदेशक
प्रतापगढ़ जिला महिला अस्पताल की निलंबित सीएमएस के कारनामों की जांच शासन स्तर से शुरू हो ग
प्रतापगढ़ : जिला महिला अस्पताल की निलंबित सीएमएस के कारनामों की जांच शासन स्तर से शुरू हो गई है। परिवार कल्याण निदेशक ने इसकी कमान संभाली है।
शुक्रवार को निदेशक डा. बद्री विशाल ने यहां पहुंचकर बारीकी से जांच की। सबसे पहले वह जिला महिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वह स्टोर देखा जहां कंडम सामान रखे जाते हैं। इसके बाद सीएमएस आवास गए व फिर सीएमएस के कक्ष में बैठकर कई कर्मचारियों को बुलाकर अकेले में बात की। कुछ का बयान दर्ज किया। अभिलेखों की फोटो मोबाइल से खींचकर और फोटो स्टेट कराकर अपने साथ ले गए। उल्लेखनीय है कि सीएमएस रहीं डा. रीता दुबे ने एक ट्रक पुराने सामान अपने घर जौनपुर भेजने का प्रयास किया था। ट्रक को नगर के बलीपुर में ही पकड़ लिया गया था। विभाग ने इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया, लेकिन वरना काम से होती हुई। अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक से होती हुई यह जांच शासन तक पहुंच गई। बाद में राज्यपाल की संस्तुति पर सीएमएस को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच शुरू करा दी गई। इसी जांच के लिए डा. बद्री विशाल ने महिला अस्पताल का कोना-कोना छान मारा। इसके बाद वह सीएमओ कार्यालय ले गए। वहां जांच और आरोप पत्र आदि का अध्ययन किया। निदेशक की जांच से दोनों अस्पतालों में हड़कंप मचा रहा। कई कर्मचारी बयान देने के डर से सहमे रहे। सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि शासन स्तर से जांच चल रही है। परिवार कल्याण निदेशक को जो भी जरूरी जानकारी चाहिए थी वह उपलब्ध कराई गई है।
एक और सीएमएस निशाने पर : जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस रहे डा. योगेंद्र यति के कारनामे भी किसी से कम नहीं रहे। संविदा भर्ती में घपले समेत विभिन्न आरोपों में शासन ने उनको पिछले हफ्ते निलंबित कर दिया था। उनके मामले की जांच का जिम्मा महानिदेशक स्वास्थ्य को दिया गया है। आने वाले दिनों में उनकी भी जांच हो सकती है। इसको लेकर कर्मचारियों में खलबली मची है।