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पट्टी, कुंडा में बढ़ा डेंगू का संक्रमण, लोगों में दहशत

प्रतापगढ़ जिले में डेंगू का शिकंजा कसता जा रहा है। खासकर पट्टी व कुंडा तहसील क्षेत्र इससे कई लोग पीड़ित हैं। कईयों की मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य महकमा अलर्ट नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 10:32 PM (IST)
पट्टी, कुंडा में बढ़ा डेंगू का संक्रमण, लोगों में दहशत

प्रतापगढ़ : जिले में डेंगू का शिकंजा कसता जा रहा है। खासकर पट्टी व कुंडा तहसील क्षेत्र इस संक्रमण की अधिक चपेट में हैं। मौत पर मौत हो रही है, किंतु नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग को यह भयावह नहीं लगता। उसने संक्रमण रोकने को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए हैं।

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डेंगू के मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपते हैं। अब इसकी भी रोकथाम नगर पालिका प्रशासन नहीं कर पा रहा है। चाहे गंदा पानी भरा हो चाहे साफ उसकी निकासी सही ढंग से नहीं करवा पा रहा है। नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में भी सफाई के भारी भरकम संसाधन होने के बाद भी मच्छर पनप रहे हैं और लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग केवल इतना मानने को तैयार है कि जिले में अब तक डेंगू के 14 मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही वह यह भी कहने से नहीं हिचकता कि सारे केस बाहरी हैं। जो लोग भी प्रभावित हुए हैं वह कहीं और रहते हुए बीमार हुए हैं। यहां जानना जरूरी है कि जिले में दो महीने में डेंगू के चलते आधा दर्जन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें लालगंज क्षेत्र के डा. नवीन शुक्ल, पट्टी के सराय महेश गांव के किसान जमुना प्रसाद सिंह की मौत डेंगू से हो चुकी है। पट्टी के ही अंकित तिवारी की जान हाल ही में गई। अब कुंडा क्षेत्र में भी डेंगू का कहर सामने आया है। अब तक 10 लोग इससे पीड़ित मिल चुके हैं।

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शासन को भेजी रिपोर्ट :

डेंगू के सारे मामले माइग्रेटेड होने की रिपोर्ट स्वास्थ्य महकमे ने शासन को भी भेजी है। इस वजह से इस जिले के हालात को लेकर शासन गंभीर नहीं हो रहा है। विभाग ने बताया है कि अब तक जिनको भी डेंगू का संक्रमण हुआ है वह जिले में नहीं रहते। रोजी-रोटी के सिलसिले में दूसरे प्रदेश में रहने के दौरान बीमार होकर आए थे।

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यह है शासन का फरमान :

शासन का फरमान है कि जहां डेंगू का केस मिले उस घर के 200 मीटर दायरे तक दवा का छिड़काव कराया जाए। स्वास्थ्य विभाग व नगर पालिका की टीम उस क्षेत्र में जाकर जागरूकता के अभियान चलाए। लोगों के खून की जांच करे। उनको दवा दे। शासन का यह फरमान जिले में कहीं नजर नहीं आता। हां इतना जरूर है कि कोई मौत होने पर वहां अगले दिन टीम जाकर खून की जांच कर आती है।

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डेंगू के जो मामले आ रहे हैं उनको तत्काल टीम भेजकर दिखवाया जा रहा है। हालांकि अब तक के लगभग सभी केस माइग्रेटेड हैं। इसके बाद भी हर सूचना को गंभीरता से लिया जा रहा है।

-डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ।


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