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वर्चस्व को लेकर की थी ढाबा संचालक की हत्या

प्रतापगढ़ शुकुलपुर में बन रहे एआरटीओ कार्यालय में वर्चस्व बनाने के लिए अंतू के ढाबा संचा

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:27 AM (IST)
वर्चस्व को लेकर की थी ढाबा संचालक की हत्या

प्रतापगढ़ : शुकुलपुर में बन रहे एआरटीओ कार्यालय में वर्चस्व बनाने के लिए अंतू के ढाबा संचालक चंदन सिंह की हत्या 20 दिन पहले की गई थी। ठेकेदार अंजनी सिंह और डबलू सिंह के चक्कर में चंदन की हत्या हो गई थी। यह राज पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार 25 हजार के इनामी बदमाश आशीष सिंह ने उगला है। घटना में शामिल रहे तीन अन्य बदमाशों की पुलिस तलाश कर रही है।

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अंतू थाना क्षेत्र के नेवादाकला गांव निवासी ढाबा संचालक चंदन सिंह की 10 मई को रात आठ बजे बदमाशों ने शुकुलपुर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। मौके पर रहे ठेकेदार डबलू सिंह को भी गोली मार दी थी, हालांकि गोली उनकी पीठ को छूते हुए निकल गई थी। घटना में चंदन के चाचा ने चार बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटना में पुलिस आशीष सिंह पुत्र जगदीश सिंह निवासी चौरा, उसके साथी गुलाब सिंह पुत्र सतपाल सिंह निवासी भदौसी को तलाश रही थी। दोनों बदमाशों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस बीच मुखबिर की सूचना पर बुधवार की रात अंतू एसओ संजय यादव, स्वाट टीम प्रभारी सुनील यादव ने टीम के साथ रात करीब 10 बजे तेजगढ़ तिराहे पर घेरेबंदी कर दी। पुलिस को देखकर पल्सर सवार बदमाशों ने बाइक मोड़कर भागने का प्रयास किया। पुलिस ने पीछा तो बदमाशों ने फायर कर दिया। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लग गई, जबकि उसका साथी भाग निकला। घायल बदमाश आशीष को जिला अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसआरएन हास्पिटल प्रयागराज रेफर कर दिया गया। इलाज के बाद गुरुवार को आशीष को जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार आशीष ने बताया कि इलाके में अंजनी सिंह और डबलू सिंह का काफी वर्चस्व हो गया था। इसलिए वह अंजनी और डबलू की हत्या करना चाहता था। वह यह जानता था कि अंजनी और डबलू के रहते हुए शुकुलपुर में बन रहे एआरटीओ कार्यालय में उसका वर्चस्व नहीं बन पाएगा। अगर इन दोनों लोगों की हत्या कर देंगे तो एआरटीओ कार्यालय से कमाई होने लगेगी। इसलिए वह 10 मई को गुलाब समेत तीन अन्य साथियों के साथ शुकुलपुर स्थित ढाबे पर पहुंचा और अंजनी सिंह के चक्कर में चंदन को गोली मार दी थी। भागने के दौरान डबलू पर भी फायर किया था। इसके पहले नवंबर 2018 में उसने ज्वाला प्रसाद और रामबरन के कहने पर गुलाब आदि के साथ मिलकर राम करन की हत्या कर दी थी। लूट के मकसद से हत्या करने का रूप देने के लिए राम करन की मोबाइल, बाइक लूट ले गए थे। इस घटना में पुलिस ज्वाला प्रसाद, रामबरन को पहले ही जेल भेज चुकी है।

रामकरन की हत्या इसलिए की गई थी क्योंकि रामकरन ने पैरवी करके गुलाब की जमीन के मामले में लेखपाल से गलत रिपोर्ट लगवा ली थी। एसओ संजय यादव ने बताया कि चंदन सिंह की हत्या बदमाशों ने अंजनी और डबलू के चक्कर में कर दी थी। आशीष ने यह योजना बनाई थी कि अंजनी, डबलू नामी गिरामी है। इनकी हत्या करने से क्षेत्र में उनकी दहशत कायम हो जाएगी और एआरटीओ कार्यालय में गुंडा टैक्स की वसूली करने लगेंगे। एसआरएन हास्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद आशीष को गुरुवार को जेल भेज दिया गया। घटना मे शामिल गुलाब सिंह समेत तीनों बदमाशों की तलाश की जा रही है।


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