पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दूसरे दिन शुरू हुआ हाईवे का निर्माण
आसपुर देवसरा क्षेत्र के सोनपुरा गांव में फोर्स की मौजूदगी में शनिवार को वाराणसी-लखनऊ हाईवे के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ।
प्रतापगढ़। आसपुर देवसरा क्षेत्र के सोनपुरा गांव में फोर्स की मौजूदगी में शनिवार को वाराणसी-लखनऊ हाईवे के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ। हाईवे के निर्माण कार्य का विरोध करने वाले किसान शनिवार को नहीं दिखे। ऐसे में पूरे दिन बिना किसी व्यवधान के निर्माण कार्य जारी रहा।
वाराणसी-लखनऊ हाईवे के चौड़ीकरण का काम इन दिनों चल रहा है। ढकवा बाजार के आस-पास के सोनपुरा, देवरखा, नगर व पूरा गांव के कुछ किसान मुआवजा न मिलने और 50 से अधिक किसान सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को सुबह जब हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो विरोध करते हुए किसान धरने पर बैठ गए थे। करीब चार घंटे तक चली गहमागहमी के बीच धरने पर बैठे किसानों को जबरन पुलिस ने हटाकर निर्माण कार्य शुरू कराया था।
शनिवार को सुबह से ही फोर्स के साथ देवसरा सुनील सिंह मौके पर डट गए थे। दिन में करीब 10 बजे कार्यदायी संस्था गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर बी श्रीनिवास, डिप्टी मैनेजर मार्लेश्वर राव व जतिन लखनवी सोनपुरा गांव पहुंचे और हाईवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। तहसीलदार विनोद कुमार गुप्ता व नायब तहसीलदार पट्टी राजकपूर भी मौके पर पहुंचकर स्थिति पर नजर रखे हुए थे।
उधर, शुक्रवार को विरोध करने वाले किसान दूसरे दिन नहीं दिखाई दिए, इससे प्रशासनिक व एनएचआइ के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। किसानों के शांत होने से अब हाईवे के निर्माण कार्य को लेकर जारी गतिरोध समाप्त होता दिख रहा है। कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर बी श्रीनावस ने बताया कि गाटा संख्या 1026, 905, 259, 254, 1303 के किसान कांतीलाल दूबे, विद्या देवी, हेमंत कुमार, अरविद, हरि प्रसाद, मिथिलेश कुमारी व राम निरंजन गुप्ता की जमीन के मुआवजे का विवाद हाईकोर्ट में लंबित है। वाद का निस्तारण होने तक इन किसानों की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। ----- बोले किसान, सर्किल रेट से मुआवजे का हो भुगतान फोटो-10 पीआरटी-8,9,10,11 संसू, ढकवा : वाराणसी-लखनऊ हाईवे के निर्माण कार्य का विरोध कर रहे किसानों की मांग है कि सर्किल रेट के अनुसार उन्हें मुआवजे का भुगतान किया जाए। लेकिन प्रशासन पूरी तरह मनमानी कर रहा है। सोनपुरा गांव निवासी लालचंद्र मिश्र का कहना है कि प्रभावी सर्किल रेट से जमीन के मुआवजे का भुगतान किया जाए। किसान कांतिलाल दुबे का कहना है कि सरकार ने 35 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया है। जबकि इसके पूर्व रहे जिलाधिकारी ने 3700 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भुगतान की बात की गई थी, जो 3.70 करोड़ प्रति हेक्टेयर बनता है। अब सरकार अपनी बातों से मुकर रही है, जबकि अन्य जिले में सर्किल रेट से भुगतान किया गया है। किसान लालजी विश्वकर्मा का कहना है कि 14 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया गया है, जो उचित नहीं है। सर्किल सर्किल रेट से भुगतान किया जाना चाहिए। किसान विनोद उपाध्याय ने बताया कि सभी किसानों को बिना नोटिस दिए मुआवजा उनके बैंक खाते में भेज दिया है। सर्किल रेट से भुगतान नहीं किया गया। ------ तीस किसानों को नहीं मिली एक पाई
पूरा गांव निवासी शंभूनाथ गुप्ता, टोपी यादव, सुरेश यादव सहित दो दर्जन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इन किसानों ने बताया कि उन्हें एक रुपये भी मुआवजा नहीं मिला है। वे मुआवजे की मांग को लेकर न्यायालय का चक्कर लगा रहे हैं। लेखपाल दिनेश कुमार ने बताया कि जिन किसानों का नाम सर्वे सीट में नहीं था, उनकी भी जमीन हाईवे के निर्माण में जा रही है।
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खेत से जा रही जेसीबी को रोका
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हाईवे के निर्माण कार्य के दौरान शनिवार दोपहर करीब तीन बजे जेसीबी लेकर चालक जाने लगा। इतने में किसान लालचंद्र मिश्र के बेटे दिलीप, किसान कांतील सहित आधा दर्जन किसानों ने अपने खेत से जेसीबी को जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी जमीन के मुकदमे का निस्तारण नहीं हो जाएगा, वह हाईवे का काम नहीं होने देंगे। इस पर तहसीलदार विनोद गुप्ता, देवसरा एसओ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाया कि उनकी जमीन में काम नहीं लगेगा। जेसीबी आगे जाकर खोदाई शुरू करेगी। काफी देर तक समझाने के बाद किसानों ने जेसीबी को आगे जाने दिया।