ठंड का कहर जारी, मासूम समेत दो की मौत
प्रतापगढ़ : जिले में मंगलवार को सुबह कड़ाके की ठंड रही। ठंड से कुंडा में जहां पांच वर्षीय मासूम की मौ
प्रतापगढ़ : जिले में मंगलवार को सुबह कड़ाके की ठंड रही। ठंड से कुंडा में जहां पांच वर्षीय मासूम की मौत हो गई, वहीं रानीगंज क्षेत्र में एक महिला की जान चली गई। धूप निकलने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली। अभी तक पुरवा हवाओं का जोर था, मगर मंगलवार से पछुआ हवाएं प्रभावी हो गईं। इस तरह से मौसम का उतार चढ़ाव जारी है। इससे पारा कभी बढ़ जाता है तो कभी घट जाता है। सोमवार रात में कड़ाके की ठंड रही। न्यूनतम तापमान में 1.9 डिग्री की गिरावट आई तथा अधिकतम तापमान में 2.0 डिग्री की बढ़ोतरी हुई।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अब ठंड और बढ़ेगी। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 8.4 व अधिकतम 22.7 डिग्री सेल्सियस रहा। कुंडा संवादसूत्र के अनुसार हथिगवां थाना क्षेत्र के मान ¨सह का पुरवा बेंती गांव निवासी विजय कुमार पटेल की पांच वर्षीय बेटी हिमांशी को सोमवार की शाम ठंड लग गई। आसपास के लोगों की मदद से उसे इलाज के लिए सीएचसी कुंडा लाया गया। यहां से इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया, लेकिन रात में उसकी हालत फिर खराब हुई तो परिजन दोबारा सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रोते-बिलखते परिजन उसका शव लेकर घर चले गए।
रानीगंज संवादसूत्र के अनुसार रानीगंज थाना क्षेत्र की बसहा गांव निवासी अजय ¨सह की पत्नी गुड्डा देवी (38) की सोमवार की रात ठंड लगने से तबीयत खराब हुई। परिजन इलाज के लिए उसे प्रतापगढ़ में एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि ठंड लगने से गुड्डा की मौत हुई ।
नौनिहालों पर भारी पड़ रही ठंड : जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और बच्चों के स्कूल खुले हुए हैं। ऐसे में नौनिहालों को कांपते हुए स्कूल जाना पड़ रहा है। परिषदीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्कूल तो अब नए समय में दिन में 10 से तीन बजे तक संचालित हो रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों का समय डीएम के आदेश पर भी नहीं बदला। कुछ निजी विद्यालय आठ बजे से चल रहे हैं तो कुछ नौ बजे से। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को ठंड में स्कूल जाना विवशता है। बीएसए अशोक कुमार ¨सह का कहना है कि कक्षा एक से आठ तक सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से तीन बजे तक कर दिया गया है। प्रशासन का आदेश न मानने वाले स्कूलों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। कोई अप्रिय घटना घटती है तो स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होगा और उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।