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बेबी ट्राई साइकिल के व्यवसाय से गरीबी को दे रही मात

मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाओं की आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद तकदीर ही बदल गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 11:11 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:00 AM (IST)
बेबी ट्राई साइकिल के व्यवसाय से गरीबी को दे रही मात
बेबी ट्राई साइकिल के व्यवसाय से गरीबी को दे रही मात

प्रवीन कुमार यादव, प्रतापगढ़ : मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाओं की आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद तकदीर ही बदल गई। जो महिलाएं साल भर पहले मेहनत मजदूरी व जंगल में लकड़ियां तोड़कर किसी तरह परिवार का खर्चा उठाती थीं वे आज बेबी साइकिल के व्यवसाय से अपनी व परिवार की तकदीर बदल रही हैं। इस व्यवसाय से अच्छी आय हो रही है। उनका पूरा परिवार शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना को सराह रहा है।

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हम बात कर रहे हैं बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत रतनमई की आशा देवी की। वह छह माह पहले आजीविका मिशन से जुड़ीं। इन दिनों बेबी ट्राई साइकिल तैयार करती हैं। इसमें उनके पति कमलेश कुमार भी सहयोग करते हैं। पहले वह फ्रेम, पहिया, सीट, मुठिया, नट-बोल्ट समेत उपकरण दिल्ली से मंगाते हैं। यह सभी उपकरण उनको 300 रुपये तक मिल जाता है। इसे तैयार करने के बाद वह 450 रुपये में बेचती हैं। एक बेबी ट्राई साइकिल के पीछे उनको 150 रुपये की बचत होती है। एक दिन में वह दो दर्जन साइकिल तैयार करती हैं। उसे पास की बाजार दिलीपपुर, रानीगंज, लालगंज व शहर में दुकानदारों को मुहैया कराती है। मूल लागत के अलावा बचत की रकम से वह धीरे-धीरे व्यवसाय को विस्तार दे रही हैं। व्यवसाय की प्रगति से समूह की शोभा देवी, आशा देवी समेत आधा दर्जन महिलाएं भी इस काम से जुड़ चुकी हैं। उन्होंने भी व्यवसाय की शुरुआत कर दी है। डिप्टी सीएम कर चुके हैं तारीफ

समूह की महिलाओं के इस व्यवसाय को व बेबी ट्राई साइकिल देख डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी उनकी सराहना कर चुके हैं। कुछ माह पहले डिप्टी सीएम बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक में लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान आए थे। वहां पर लगे स्टाल पर बेबी ट्राई साइकिल देख महिलाओं की तारीफ किए थे। समूह की महिलाओं से मिली थी प्रेरणा

रिवाल्विग फंड 15 हजार मिलने के बाद समूह की महिलाएं यह सोच रही थी कि इतने कम पैसे में कौन सा व्यापार किया जाए। मीटिग के दौरान ब्लाक के करमाही गांव की कुछ महिलाओं से मिली। उन लोगों ने बताया कि बेबी ट्राई साइकिल का व्यवसाय सबसे कम पैसे में शुरू होगा। कम पैसे में आय अच्छी होगी। उनकी प्रेरणा से महिलाओं ने व्यापार शुरू कर दिया। तीन जनवरी को समूह से जुड़ी थी महिलाएं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से शोभा देवी, आशा देवी, सविता समेत महिलाएं जुड़ी थी। इसमें 12 की संख्या होनी जरूरी था। काफी प्रयास के बाद अन्य महिलाओं को जोड़ा तो तीन जनवरी को यह समूह बनकर कार्य करना शुरू कर दिया। अब तो यह ब्लाक के सबसे सशक्त समूह में इसकी गिनती होती है। परिवार का सहयोग करेंगी, बोझ नहीं बनेंगी

संसू, मानधाता : उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मानधाता ब्लाक के उड़ीडीह गांव में ब्लॉक स्तरीय संघ का निर्माण किया गया। उक्त ब्लॉक स्तरीय संघ के अंतर्गत छह ग्राम संगठन का निर्माण किया गया। सभी ग्राम संगठन के तीन-तीन पदाधिकारियों का चयन किया गया। इसमें अकारीपुर की ममता सिंह को अध्यक्ष व सचिव पद पर ग्राम पंचायत धनीपुर की यासमीन को चुना गया। कोषाध्यक्ष पद पर हरखपुर की निर्मला को चुना गया। उपाध्यक्ष शांति देवी हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपायुक्त स्वत: रोजगार ओपी यादव ने आजीविका मिशन में लोगों को स्वरोजगार के लिए जागरूक किया गया। कहा कि इसके माध्यम से महिलाएं छोटे-छोटे लघु कुटीर उद्योगों के माध्यम से अपनी जीविका चला सकेंगी। परिवार का सहयोग करेंगी। परिवार पर बोझ नहीं बनेंगी। कार्यक्रम में जिला मिशन प्रबंधन रतन कुमार, सुनीता सरकार, अख्तर मसूद, सुमन पांडेय ने भी आजीविका मिशन से जुड़ने से होने वाले फायदे के बारे में बताया। ब्लॉक मिशन प्रबंधन नफीस अहमद, राममनोहर, हरिकिशोर, सिकंदर आदि उपस्थित रहे।


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